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अलग लाइन लेते रहे हैं नीतीश!
पिछले राष्ट्रपति चुनाव में जब नीतीश कुमार आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रहे, थे तो उन्होंने अलग लाइन लेते हुए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था। इससे पहले, 2012 में जब नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे और उस वक्त प्रणब मुखर्जी यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार बने थे, तो नीतीश ने बीजेपी से अलग लाइन लेते हुए प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन किया था।
तो फंस गए नीतीश ?
इस चुनाव में बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के नाम पर ऐसी चाल चली की, जेडीयू को भी समर्थन देने के लिए विवश होना पड़ा। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा कि राष्ट्रपति के चुनाव में गरीब परिवार में जन्मी एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिद्धांतत: महिला सशक्तिरण एवं समाज के शोषित वर्गों के प्रति समर्पित रहे हैं। जेडीयू मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत एवं समर्थन करती है।
चिराग और मांझी ने भी किया है समर्थन
गौरतलब है कि कि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ( रामविलास ) और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है। और अब जेडीयू भी खुलकर मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
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