Home Bihar Patna Shelter Home Case : गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ FIR, पटना पुलिस की बड़ी कार्रवाई

Patna Shelter Home Case : गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ FIR, पटना पुलिस की बड़ी कार्रवाई

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Patna Shelter Home Case : गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ FIR, पटना पुलिस की बड़ी कार्रवाई

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पटना : राजधानी पटना के गायघाट शेल्टर होम केस (Patna Shelter Home Case) में आलोचना झेल रही पटना पुलिस (Patna Police) ने आखिरकार आश्रय गृह की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्राथमिकी (13/2022) बुधवार रात महिला थाने में धारा 354ए और 450 के तहत दर्ज की गई थी। इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए 11 फरवरी को पीड़ितों से कोर्ट में बयान दर्ज कराने को कहा था।

पटना के महिला थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट के दबाव में प्राथमिकी दर्ज की। महिला थाने की एसएचओ किशोरी सहचारी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस मामले के जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर लुशी कुमार हैं। दूसरी पीड़िता के सामने आने और वंदना गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने पहली शिकायतकर्ता के रूप में भी वही आरोप लगाए, जिन्होंने महिला थाना गांधी मैदान में एक लिखित आवेदन दिया था।

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पीड़िता ने शिकायत में लगाए संगीन आरोप
सूत्रों ने बताया कि वंदना गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तीसरी पीड़िता भी आगे आई। दूसरी पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा, ‘वह 4 साल तक गायघाट शेल्टर होम में रही और 2020 में रिहा हो गई। वंदना गुप्ता कैदियों को नशीली दवाएं देती थी और यौन शोषण के लिए शेल्टर होम के अंदर युवाओं को भी आमंत्रित करती थी। अगर कोई कैदी इसका विरोध करता था तो वंदना गुप्ता उसके साथ मारपीट करती थी और कैंटीन के कर्मचारियों को उन्हें खाना परोसने नहीं देती थी।’ उन्होंने कहा, ‘जब मुझे 2020 में आश्रय गृह से रिहा किया गया, तो मुझे मुजफ्फरपुर स्थित एक दलाल को सौंप दिया गया।’

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समाज कल्याण मंत्रालय ने दी थी वंदना गुप्ता को क्लीन चिट
इससे पहले पहली शिकायतकर्ता ने 29 जनवरी को वंदना गुप्ता के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उसने भी अपने ऊपर इसी तरह के आरोप लगाए थे। वह महिला विकास मंच के सदस्यों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों में भी गईं, लेकिन उनमें से किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। पटना पुलिस ने उस शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो पीड़िता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आरोपों के बाद, बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय ने वंदना गुप्ता को क्लीन चिट दे दी और आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता मानसिक रूप से अस्थिर थी।

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