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सच्चिदानन्द/पटना. एक ऐसा समय था जब बिहार के कई जिलों में नक्सलियों का कब्जा था. अक्सर गोलियों की तड़तड़ाहट से लोग कांप जाते थे. पुलिस और नक्सलियों के बीच अक्सर मुठभेड़ की खबर सुनने को मिलती थी. लेकिन अब सरकार आत्मसमर्पण करने वाले खूंखार नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार के द्वारा सभी प्रभावित राज्यों को नक्सलियों के पुनर्वास और मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अधिसूचना जारी की है.
इस अधिसूचना के आधार पर बिहार सरकार के द्वारा उन्हें ITI में प्रवेश के लिए जरूरी वांछित योग्यता से छूट देने जा रही है. साथ ही, उनके लिए प्री-आईटीआई कोर्स की भी व्यवस्था की गई है. इसका लाभ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली ले सकते हैं.
मिलेगा आईटीआई में एडमिशन का मौका
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि आत्मसमर्पण सह पुनर्वासन योजना के तहत नक्सलियों के पुनर्वास केंद्र में रहने के बाद उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार अलग- अलग व्यवसाय के लिए 3 सालों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही हर महीने 6000 रुपये भी दिया जाएगा. अगर वो आईटीआई में प्रवेश लेना चाहते हैं तो जरूरी वांछित योग्यता से छूट दिया जाएगा. यानी शैक्षणिक योग्यता में छूट दी जाएगी. साथ ही, उनके लिए प्री-आईटी आईकोर्स की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए राज्य में नौ आईटीआईऔर 11 कौशल विकास केंद्र चिह्नित किया गया है.
10 जिलों में सिमटा नक्सल
बिहार पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2004 से 2018 तक राज्य में 22 जिले नक्सल प्रभावित थे. जो 2018 से 2021 तक सिमटकर केवल 16 जिलों में रह गया. पिछले एक वर्ष में चले अभियान के कारण बिहार में केवल 10 जिलों में नक्सली हैं. बिहार में 2018 में 40 नक्सल वारदात हुई थी, जो 2022 में घटकर केवल 13 हो गई. इस साल तक 32 नक्सलियों को गिफ्तार किया गया है. जबकि 2 ने आत्मसमर्पण किया है.
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पहले प्रकाशित : 23 अप्रैल, 2023, दोपहर 2:56 बजे IST
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