Home Bihar Patna : मां नहीं चाहती थी बेटी गलत राह पर जाए, फोन पर बात करने से मना किया तो कर लिया सुसाइड

Patna : मां नहीं चाहती थी बेटी गलत राह पर जाए, फोन पर बात करने से मना किया तो कर लिया सुसाइड

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Patna : मां नहीं चाहती थी बेटी गलत राह पर जाए, फोन पर बात करने से मना किया तो कर लिया सुसाइड

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घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
– फोटो : अमर उजाला

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मां नहीं चाहती थी बेटी गलत राह पर जाए। पिछले 2 माह से लगतार वह किसी से फोन पर बात करती थी। पहले तो लगा कि बेटी मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रही है। इसलिए परीक्षा तक कुछ नहीं बोली। लेकिन, परीक्षा खत्म होने के बाद भी फोन पर घंटों किसी से बात करती रहती थी। गुरुवार शाम मां काम कर घर लौटी तो देखा कि बेटी फोन पर व्यस्त है। उसका गुस्सा फूट पड़ा और उसने बेटी को डांट दिया। कहा कि आज से फोन पर बात नहीं करोगी। मां की इतनी छोटी सी बात 16 साल की छात्रा गुस्सा हो गई। रात में अपने कमरे में गई और पंखे से झूल गई। यह पूरा मामला पटना के रूपसपुर थाना स्थित जयपाल पथ की है।

इधर, घटना के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस को जानकारी दी। रूपसपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लटक रही लाश को नीचे उतारा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थानेदार अवधेश कुमार ने बताया कि जांच में यह पाया गया कि छात्रा ने गुस्से में नासमझी की है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। मृत छात्रा की पहचान स्वर्गीय केदार शर्मा की 16 साल की बेटी के रूप में हुई।

पति के गुजरने के बाद मां पर ही सारी जिम्मेदारी

परिजनों का कहना है कि स्वर्गीय केदार शर्मा की पत्नी राम जयपाल पथ में किराए के मकान में कई वर्षों से रहती है। पति के गुजरने के बाद उसके ऊपर ही परिवार चलाने की जिम्मेदारी थी। वह घर चलाती थी। बेटी को पढ़ाती थी। मैट्रिक परीक्षा खत्म होने के बाद भी बेटी फोन पर किसी से बात करती थी। उसकी मां ने इसको लेकर डांट-फटकार लगाया। गुस्से में आकर उसने ऐसा कदम उठाया। घटना के मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मनोवैज्ञानिक बोले- हर बात पर टोकना गुस्सैल बनाता है

मनोवैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि किशोरावस्था में माता-पिता को बच्चों की खास केयर करना था। इसमें शारीरिक और मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। उन्हें कोई भी छोटी बात दिल पर लग जाती है। डांट-फटकार बच्चों को नागवार गुजरती है। वह आवेशित होकर गलत कदम उठा लेते हैं। इस केस में प्रतीत है कि छात्रा को बचपन से ही काफी रोका टोका गया हो। या फिर मां-बेटी में कम्यूनिकेशन गैप हो। वह फोन पर बात करती थी। इस बात को मां को अच्छे से समझाना चाहिए। डांट-फटकार से वह आवेशित हो गई और गलत कदम उठा लिया। किशोरावस्था में हर बात पर टोकना मारना भी उनके स्वभाव को जिद्दी और गुस्सैल बनाता है। सभी अभिभावकों से अपील है कि वह अपने बच्चों को डांट-फटकार की जगह प्यार से समझा कर बातचीत करें।

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