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Bihar Sand Mafia Inside Story : बिहार में लाल सोना यानि बालू के लिए माफिया और पुलिस प्रशासन के बीच जंग अब आम बात हो गई है। जबसे राज्य सरकार ने बालू और शराब पर प्रतिबंध लगाया है ऐसी घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है। हाल में पटना की घटना इसका एक उदाहरण है।
आखिर वजह क्या थी ?
दरअसल अवैध उत्खनन की गुप्त सूचना पर बिहटा में जांच के लिए खनन विभाग के साथ पुलिस बल को भेजा गया था। पुलिस टीम बालू ओवरलोडिंग की चेकिंग कर रही थी।
इस चेकिंग के दौरान करीब 150 ओवरलोडेड ट्रकों को पुलिस टीम ने पकड़ लिया, तो बालू माफिया के साथ ट्रक चालकों ने पुलिस फोर्स पर ईंट पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इसी हमले में दो महिला इंस्पेक्ट घिर गईं। बालू माफियाओं ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद जिला खनन पदाधिकारी महिला इंस्पेक्टरों को बचाने के लिए बीच में कूद पड़े, हालांकि, बालू माफिया ने उन्हें भी बेरहमी से पीटा। इस घटना के बाद एसएसपी के निर्देश पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और 44 बालू माफियाओं और ट्रक ड्राइवरों को गिरफ्तार कर लिया।
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बालू माफिया के हमले का इतिहास
बालू माफिया का पुलिस पर हमले का सिलसिला कोई नया नहीं है।
- 22 अगस्त 2021 को तो इन माफियाओं ने के किसान को जान से मार देने से भी गुरेज नहीं किया। घटना इसी बिहटा के अमदाबाद की है जहां एक किसान ने जब अपने खेत से अवैध बालू उत्खनन के लिए माफिया को रोका तो उसे गोली मार दी गई।
- पिछली 31 जनवरी को बांका में तो एडीपीओ को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया था। एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव को सिर में चोट आई थी और तीन टांके भी लगाने पड़े थे। यह घटना बाराहट थाने के कोलहाथा की थी।
- चार नवंबर 2022 को जमुई सदर थाना के पास ही बालू माफियाओं पर करवाई करने जब एक मजिस्ट्रेट के साथ में पुलिस गई तो इन पर भी जबरदस्त हमला हुआ। ईंट पत्थर तो मार ही रहे थे । जब ये लोग भागने लगे तो लाठी डंडों से पीटने लगे। इस हमले में मजिस्ट्रेट और आधा दर्जन पुलिसवाले बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
- खासकर गया, लखीसराय, जमुई, आरा, बक्सर, पटना इस तरह की घटनाओं का केंद्र बन गया है जहां माफियाओं का बोलबाला है।
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राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है यह धंधा
दरअसल, बालू उत्खनन को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कुछ तो सफेदपोश सीधे सीधे बालू माफियागिरी में सदन तक की यात्रा तय कर चुके हैं। कुछ ऐसे हैं जिन्हें अपरोक्ष रूप से संरक्षण मिला हुआ है। दूसरी वजह भी है कि बालू उत्खनन अवैध कमाई का बड़ा धंधा बन गया है। बेरोजगारों के लिए यह तुरंत बड़ी राशि कमाने का कारण भी बन चुका है। बालू उत्खनन में राज्य के बजट के 10 गुणा बजट इन माफियाओं ने सरकार के बरक्स खड़ा कर दिया है।
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