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रिपोर्ट : अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर की जहरीली हवा बच्चों के लिए जानलेवा होती जा रही है. अब छोटे-छोटे बच्चे अस्थमा के शिकार हो रहे हैं. यही कारण है कि शहर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) के शिशु रोग विभाग में रोजाना दर्जनों ऐसे मामले आ रहे हैं. एसकेएमसीएच के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी के मुताबिक, बदलते मौसम और मुजफ्फरपुर की जहरीली हवा के कारण छोटे-छोटे बच्चे ब्रोंकोलाइट्स और अस्थमा के शिकार हो रहे हैं. वे कहते हैं कि हवा को प्रदूषित होने से नहीं बचाया गया, तो आनेवाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है.
डॉ. गोपाल शंकर सहनी बताते हैं कि मुजफ्फरपुर की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि अब इसका सीधा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है. सांस लेने की समस्या की परेशानी के रोजाना 15-20 बच्चे मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं. प्रदूषण को बर्दाश्त करना अब बच्चों के लिए मुश्किल हो रहा है. साथ ही बदलते मौसम के कारण निमोनिया का भी असर दिखने लगा है.
दम घुटने या पकड़े जाने पर नजरअंदाज न करें
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल शंकर सहनी बताते हैं कि दम फूलने की परेशानी को दमा कहते है. यह वंशानुगत बीमारी होती है, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैलती है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण कम उम्र के बच्चों में भी यह समस्या बड़े स्तर पर देखी जा रही है. डॉ. शंकर की माने तो अगर आपके बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, दम फूलता हो, पंजरा मारता हो तो इसकी अनदेखी न करे. बच्चे को तुरंत नजदीक के अस्पताल या मेडिकल कॉलेज लेकर जाएं.
SKMCH में 100 बेड का आईसीयू
शिशु विभाग विभागाध्यक्ष ने बताया कि मुजफ्फरपुर के SKMCH में ऐसे बच्चों के लिए हमने विशेष तैयारी की है. यहां आनेवाले हर एक बच्चे की जान हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है. यहां ऐसे बच्चों के लिए पेडियाट्रिक आईसीयू में 100 बेड की व्यवस्था की गई है. जो भी मरीज निमोनिया या दम फूलने की शिकायत लेकर आते हैं, यहां उनका उचित इलाज हो रहा है.
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प्रथम प्रकाशित : 14 नवंबर, 2022, रात 8:34 बजे IST
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