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राहुल गांधी के ‘इंटरेस्ट’ पर नीतीश कुमार ने हंसते हुए कहा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) को चलाना उन लोगों का काम है। किसी के बारे में कोई क्या सोचता है, उससे हमें क्या मतलब। उसमें हमें कोई हस्तक्षेप नहीं करना। वो जैसा चाहे वैसा चलाएं। नीतीश कुमार ने कहा कि वो जैसा काम कर रहे हैं, वो तो दिख ही रहा है ना कि कहां जा रहे हैं। नीतीश कुमार इतना कहकर हंसने लगे और कहा कि हमको कुछ नहीं कहना है कि, जिसका जो मन करे सो करे। उस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। इतना कहकर नीतीश हंसते हुए चल पड़े।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आखिर क्या कहा था?
दरअसल राहुल गांधी 9 अप्रैल को भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सत्ता, सत्ता के संघर्ष से लेकर हालिया यूपी चुनाव, मायावती और आरएसएस तक सबका जिक्र किया। हर मुद्दे पर अपने विचार उड़ेल कर रख दिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अहम बात कही। वो बोले कि देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो सोते-जागते सिर्फ सत्ता के बारे में सोचते हैं। वहीं, सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद उन्हें इसमें इंटरेस्ट नहीं है। राहुल के इस बयान से मीडिया में ये मैसेज गया कि राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार में पैदा होने के कारण उन्हें ये मौका मिल गया है। सच तो ये है कि वो इसके लिए तैयार नहीं हैं।
राहुल गांधी की समझ का मामला नहीं है राजनीति, कोई और काम खोजें… बीजेपी का तंज
राहुल गांधी के ‘इंटरेस्ट’ पर क्यों उठे सवाल?
यूपी में हाल में संपन्न हुए चुनाव में कांग्रेस को दो और बीएसपी को सिर्फ 1 सीट मिली। 2014 के बाद से कांग्रेस लगातार सिमटती जा रही है। बड़ी संख्या में उसके नेताओं ने पार्टी छोड़ी है। ऐसे में उनका ये कहना कि उनका सत्ता में कोई इंटरेस्ट नहीं है, कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने वाला लगता है। आखिरकार किसी भी पार्टी का लक्ष्य सत्ता में आना ही होता है। कांग्रेस के भविष्य पर चर्चा होने लगी है। जिन राहुल गांधी को पार्टी के तमाम कार्यकर्ता अपना ‘अर्जुन’ मानते हैं, वही अगर दो-टूक ये कहें कि उन्हें इसमें कोई दिलचस्पी ही नहीं है तो सवाल उठने लाजिमी हैं। लिहाजा नीतीश कुमार से भी इसी को लेकर सवाल पूछा गया था।
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