Home Bihar Nitish Kumar: ’18 साल के शासन में बिहार बर्बाद, रिटायर क्यों नहीं हो जाते?’ जानिए सीएम नीतीश के किस बयान पर सोशल वार

Nitish Kumar: ’18 साल के शासन में बिहार बर्बाद, रिटायर क्यों नहीं हो जाते?’ जानिए सीएम नीतीश के किस बयान पर सोशल वार

0
Nitish Kumar: ’18 साल के शासन में बिहार बर्बाद, रिटायर क्यों नहीं हो जाते?’ जानिए सीएम नीतीश के किस बयान पर सोशल वार

[ad_1]

पटना: स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी क्या भूमिका थी? आजकल आधुनिक भारत के नये पिता की चर्चा हो रही है। देश के लिए उन्होंने क्या किया है ? कुछ काम किये हैं? कहां भारत आगे बढ़ा है, कौन सा काम हुआ है? केवल प्रचार हुआ है। शनिवार को उक्त बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने पटना में कही। हालांकि नीतीश कुमार इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा कहां था और किस पर था, सभी समझ रहे हैं। यूं कहें तो बिहार सीएम ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और आरएसएस ( RSS ) पर हमला बोला है। नीतीश कुमार के बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि गुजरात और बिहार की अलग-अलग आर्थिक हकीकतें खुद बयां करती हैं और फिर वह कहते हैं कि उन्होंने देश के लिए क्या किया है। तो कोई कह रहा है कि नये पिता भारतीय समाज को इस तरह विभाजित किया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा

दरअसल, शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर हमला बोला। हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया। बिहार के मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ देश के आजादी आंदोलन में आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर भी बड़ी बात कही। नीतीश कुमार ने कहा कि भारत में नए पिता की बात हो रही है, लेकिन उन्होंने किया ही क्या है। नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि इन दिनों देश में टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग किया जा रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए भारत का राष्ट्रपिता बताया था। उन्होंने कहा था कि देश में दो राष्ट्रपिता हैं। नरेंद्र मोदी नए भारत के पिता हैं और महात्मा गांधी पुराने समय के राष्ट्रपिता हैं।

सोशल मीडिया पर ‘वाकयुद्ध’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर सोशल मीडिया पर वाकयुद्ध शुरू हो गया। सीएम के बयान पर कमेंट की बाढ़ सी आ गई। अधिकतर यूजर्स नीतीश कुमार को ट्रोल करने लगे। तुषार आनंद नामक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि गुजरात और बिहार की अलग-अलग आर्थिक हकीकतें खुद बयां करती हैं और फिर वह कहते हैं कि उन्होंने देश के लिए क्या किया है। पिछले 18 वर्षों के शासन में राज्य को बर्बाद करने के बाद भी उन्हें कोई शर्म नहीं है। रिटायर क्यों नहीं हो जाते?

शरद पंत नामक यूजर लिखते हैं कि दूसरों के बारे में सोचते हुए नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए। बिहार के विकास में उनका क्या योगदान है- गुंडाराज, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और गरीबी। हालांकि बेवकूफ लोग आरएसएस के खिलाफ चिल्लाएंगे, हम अच्छी तरह जानते हैं कि आरएसएस ने भारत के लिए क्या योगदान दिया और क्या योगदान दिया।

प्रवेश कुमार लिखते हैं कि एक बिहारी के रूप में एक बात कह सकता हूं कि कुछ नहीं कर पाया.. अन्य राज्य छलांग लगा रहे हैं, सभी बिहारी दुनिया भर में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन बिहार मुख्य रूप से महान उपजाऊ भूमि और मेहनती लोगों के बावजूद बिहार सबसे पीछे आ रहा है।

आकाश दीप लिखते हैं कि जो खुद कुछ काम नहीं करता, उसे दूसरों का काम भी नहीं दिखता। बिहार का क्या हाल है, सबको पता है सीएम साहब, हर मामले में हमारा स्टेट पीछे है।

चेतन जेठान लिखते हैं कि नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए अपनी वफादारी बदलने वाले स्विच कोट हैं। उनका योगदान क्या रहा है? वह गंभीरता से लेने वाले व्यक्ति नहीं हैं। 2024 में फिर से बीजेपी के साथ हो सकते हैं। वे बिहार के मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।

विकास लिखते हैं कि स्वतंत्रता के लिए उनका क्या योगदान है, बात करना बेकार है। अगर किसी ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया तो क्या उसे भ्रष्टाचार का अधिकार है? बांटो और राज करो की राजनीति? क्या यह सच है कि संसाधनों पर पहला अधिकार विशेष धार्मिकों के लिए?

प्रवेश जैन लिखते हैं कि जब आप एक दशक से भाजपा के साथ सत्ता साझा कर रहे थे, तब यह सवाल पूछा जाना चाहिए था कि नए राष्ट्रपिता ने भारत के लिए क्या किया है? अब यह अवसरवादिता दिखती है। आपने विश्वसनीयता खो दी है।

विद लिखते हैं कि नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और राज्य के लिए एक भी अच्छा काम नहीं कर सके। सिवाय अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए गठबंधन बदलने के।

राजकुमार पांडा लिखते हैं कि जब आपकी पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, तब आप कुछ नहीं बोलते थे। पहले आपने राजद पर दोषारोपण किया और भाजपा से हाथ मिला लिया। कुछ समय बाद आपने अपना मन बदल लिया, भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद से हाथ मिला लिया, ये कैसी जनसेवा है।

रमेश सेठिया लिखते हैं कि आपने बिहार के लिए क्या किया है, वास्तव में आपने लालू और उनके बेटों को गले लगाकर ‘जंगल राज 2.0’ की नींव रखी।

ए कुमार लिखते हैं कि बोलने से पहले सोचते हैं या बिना सोचे बोलने की आदत है। 15 साल मे बिहार को बर्बाद जो किया है, उसके बारे में भी कभी बोल लिया करें। काम आज तक एक भी नहीं किए, बस हमेशा दूसरों पर उंगली उठाते रहते हैं।

आनंदी एन लिखते हैं कि अगर आपको इतिहास की इतनी ही जानकारी है तो बख्तियारपुर का नाम क्यों नहीं बदल लेते?

वहीं, सैयद फजल अहमद लिखते हैं कि नये पिता ने भारतीय समाज को इस तरह विभाजित किया है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने इस एजेंडे पर बहुत कुछ किया है। बाकि उन्होंने तो बस पिछली सरकार के आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here