[ad_1]
सवाल नंबर 1: उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। सरकार बताये कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?
सवाल नंबर 2: शराबबंदी कानून की धारा-42 के तहत जहरीली शराब बेचने वाले कितने लोगों से मुआवजा वसूला गया?
सवाल नंबर 3: शराब पीने के कारण जिन 3.5 लाख लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई, उनमें से कितने लोगों को सरकार सजा दिला पायी और ऐसे मामले में कनविक्शन रेट क्या है?
सवाल नंबर 4: हाईकोर्ट के आदेशानुसार सरकार जहरीली शराब पीने वालों का उपचार करने के लिए अब तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर ( एसओपी) क्यों नहीं बना पायी?
सवाल नंबर 5: शराब बनाने-बेचने और पीने वालों की जानकारी पाने के लिए जो टॉल-फ्री नंबर बिजली के पोल पर लिखवा कर सार्वजनिक किये गए थे, उन पर कितनी शिकायतें मिली और क्या कार्रवाई हुई ?
सवाल नंबर 6: शराबबंदी लागू करने के बाद राज्य भर में जो नशामुक्ति केंद्र खोले गए थे, उनमें से कितने सक्रिय हैं और ये कितने लोगों को नशे की आदत से मुक्त करा पाए?
सवाल नंबर 7: शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार को ईमानदारी से इन सवालों का जवाब देना चाहिए ताकि शराबबंदी लागू करने में जो गलतियां हुईं, उन्हें सुधारा जा सके। सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा कि बीजेपी पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में थी, है और रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब जल्द से जल्द देना चाहिए।
[ad_2]
Source link