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नीतीश की यात्रा के समय चंपारण में युवाओं को नजरबंद रखना शर्मनाक
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के युवाओं से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय सहायक पद के परीक्षार्थियों और शिक्षक अभ्यर्थियों में व्याप्त रोष के डर से नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान चंपारण में सैकड़ों युवाओं को हाउस-अरेस्ट रखा गया। सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा कि क्या युवाओं को घरों में नजरबंद करना समस्या का समाधान है? सुशील मोदी ने यह भी पूछा कि बिहार में बार-बार पर्चे क्यों लीक हो रहे हैं ? उन्होंने कहा कि अगर परीक्षार्थी अब यदि पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं, तो सरकार इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बना रही है ?
ललन सिंह का बयान चिंता की बात : सुशील मोदी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि राजधानी पटना में परीक्षार्थियों पर लाठीचार्ज को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जायज ठहरा रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि घटना के 48 घंटे बाद मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उन्हें लाठीचार्ज की जानकारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि ललन सिंह का ऐसा बयान संवेदनहीनता का सूचक है और मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी न होना चिंता की बात है। सुशील मोदी ने कहा कि लाठीचार्ज पर या तो मुख्यमंत्री अनभिज्ञता का नाटक कर रहे हैं या अफसर उन्हें गुमराह कर रहे हैं। ये दोनों बातें चिंताजनक हैं।
सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को दी सलाह
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि रेलवे की परीक्षा में डेढ़ करोड़ परीक्षार्थी बैठते हैं, लेकिन न कभी पर्चा लीक हुआ, न धांधली की शिकायत मिली। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले बीपीएससी (BPSC) का पर्चा लीक हुआ और आठ साल बाद जब सचिवालय सहायक पद के लिए परीक्षा हुई, तो इसके भी प्रश्नपत्र सार्वजानिक हो गए। सुशील मोदी ने कहा, इससे 9 लाख परीक्षार्थियों में असंतोष होना स्वाभाविक है। क्योंकि उनकी उम्र बढ़ रही है।
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार को बडे पैमाने पर नौकरी-नियुक्ति की सभी परीक्षाएं कम्पयूटर-आधारित या ऑनलाइन करानी चाहिए। सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि बिहार सरकार फूलप्रूफ परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार की तरह टीसीएस जैसी साफ्टवेयर कंपनियों की सेवाएं ले सकती है। लेकिन मुख्यमंत्री की रुचि किसी समस्या का समाधान करने में नहीं, ‘समाधान यात्रा’ की राजनीति करने में है।
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