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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की संयुक्त बैठक में भाग नहीं लेंगे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में 30 अप्रैल यानी कल करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना करेंगे। ये वही एनवी रमना हैं जो बिहार के शराबबंदी कानून को कई बार सख्त टिप्पणी कर चुके हैं।
पूर्णिया में इथेनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन करने जा रहे नीतीश
30 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णिया में इथेनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन करने जा रहे हैं। शायद इसी वजह से दिल्ली के बैठक में शामिल नहीं हो रहे। हालांकि असली वजह यही है, फिलहाल कहना मुश्किल है। हाल के दिनों में राज्य बीजेपी के नेताओं ने बयान दिया था कि बिहार में ‘बीजेपी का मुख्यमंत्री’ होना चाहिए। भाजपा विधायक विनय बिहारी जैसे कुछ नेताओं ने ये बातें खुल कर कही थी। बाद में दूसरे नेताओं ने भी दबी जुबान में इसे आगे बढ़ाया था।
बिहार में इफ्तार पॉलिटिक्स के बहाने सियासी गुफ्तगू
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री कार्यकाल को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच राज्य बीजेपी के बड़े नेताओं ने बयान जारी कर कहा था कि वो 2025 तक के लिए सीएम हैं। मगर सियासत में कब क्या होगा, कहना मुश्किल है। इधर, हाल के दिनों में नीतीश कुमार की नजदीकियां लालू परिवार से बढ़ती दिख रही है। 10 सर्कुलर रोड राबड़ी आवास में आयोजित इफ्तार में नीतीश कुमार शामिल हुए थे। जबकि जेडीयू की ओर से आयोजित इफ्तार में नीतीश कुमार ने तेजस्वी-तेजप्रताप का गर्मजोशी से स्वागत किया।
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