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खुले मंच से सीएम नीतीश हमारे नेता पर बोलते हैं हमला
सुधाकर सिंह ने बताया कि उनकी नाराजगी नीतीश कुमार के उस बयान से ज्यादा है, जिसमें वह बार-बार उनके नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ खुले मंचों से बोलते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का कोई हक नहीं कि वह हमारी पार्टी के साथ सरकार बनाकर सत्ता में भी बने रहें और हमारे नेता लालू प्रसाद यादव की खुले मंच से आलोचना भी करें। सुधाकर सिंह ने कहा कि वह हर मंच पर 2005 से पहले के बिहार की बात करते हैं। जैसे 2005 से पहले बिहार में कुछ नहीं था।
सुधाकर सिंह ने कहा 2005 की तुलना जंगल राज से करने का क्या अर्थ है? उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मंच पर बैठे होते हैं और उनके सामने ही वह 2005 से पहले क्या था, यह सवाल पूछते हैं। सुधाकर सिंह ने एनबीटी से बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव ने सामाजिक विकास किया है। लेकिन नीतीश कुमार ने जैसा कि वह दावा करते हैं कि उन्होंने आर्थिक विकास किया है। वह भी पूरी तरीके से नहीं कर पाए हैं।
नीतीश कुमार की नीतियों का करते हैं विरोध
सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार की तमाम नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि किसान आज भी पिछड़े हुए हैं उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और मैं उनके आर्थिक विकास की बात करता हूं। एनबीटी से बातचीत के दौरान सुधाकर सिंह ने यह भी कहा था कि 2005 से पहले आरजेडी का एक-एक कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव हुआ करता था। वह सरकारी दफ्तरों से अपना काम आसानी से करवा लेता था। तब जनता का डर था, लेकिन आज स्थिति यह है कि सरकारी दफ्तर में जनता का कोई काम नहीं होता है। हर काम के लिए अब उसे घूस देना पड़ता है।
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