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बेन इलाके के जुलुम रजक की मानें तो चार दिन पहले उनके बेटे आदित्य कुमार खेलने के दौरान छत से गिर गया था। जिसके बाद उसे निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया। शनिवार को हालत बिगड़ने पर उसे प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया। जिसके बाद वो अपने बेटे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा था।
102 नंबर की सर्विस नहीं मिल पाई
सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सकों ने देखने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। फिर वो अपने बच्चे के शव को लेकर इधर से उधर भटकता रहा। अस्पताल की ओर से उसे शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की कोशिश नहीं की गई। किसी ने उसे 102 नबंर पर डायल कर फ्री में एम्बुलेंस की बात बताई। कई बार उसने कोशिश की लेकिन किसी तरह का कोई जबाब नहीं मिला। अंत में वो थकहार कर बच्चे के शव को गोद में लेकर अस्पताल से चला गया।
अस्पाताल प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला
इस पूरे मामले पर अस्पताल के डीएस डॉ आरएन प्रसाद ने बताया कि किसी ने अस्पताल प्रबंधन से एम्बुलेंस की मांग की ही नहीं थी। एसएनसीयू में मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। उस वक्त भी उसे पूछा गया कि अगर एम्बुलेंस से शव ले जाना चाहते हैं तो मुफ्त में एम्बुलेंस मिल जाएगी। इसपर उसने कोई जबाब नहीं दिया और बच्चे को वहां से लेकर चला गया।
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