Home Bihar Munger News: इस कांवड़यात्रा में भक्त शिव विवाह से पहले टीका लगाने जाते हैं वैधनाथ धाम, यह है मान्यता

Munger News: इस कांवड़यात्रा में भक्त शिव विवाह से पहले टीका लगाने जाते हैं वैधनाथ धाम, यह है मान्यता

0
Munger News: इस कांवड़यात्रा में भक्त शिव विवाह से पहले टीका लगाने जाते हैं वैधनाथ धाम, यह है मान्यता

[ad_1]

रिपोर्ट- सिद्धांत राज

मुंगेर. इस बार माघी यानि मौनी अमावस्या पर विशेष संयोग बना.शनिवार का दिन पड़ने की वजह से इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जाता है. यह महीना महादेव की पूजा के लिए अति शुभ और उत्तम माना जाता है. बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के रहने वाले लोग इस माह में सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा घाट से जल भरकर 110 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर झारखंड के देवघर पहुंचकर बाबा रावणेश्वर नाथ महादेव ( बाबा बैद्यनाथ) का जलाभिषेक करते हैं. इस कांवड़ यात्रा की खास बात यह है कि इस मास में मिथिलांचल के लोग भगवान भोलेनाथ के विवाह से पूर्व उनका रोका और तिलक करने जाते हैं. उसके बाद महाशिवरात्रि पर माता पार्वती से महादेव का विवाह रचाया जाता है.

मौनी अमावस्या के दिन से प्रारंभ होती है त्रिहुतियों की कांवड़ यात्रा

बता दें कि दरभंगा, समस्तीपुर और मिथिलांचल क्षेत्र में पड़ने वाले अन्य जिले के लोग दशकों से माघ मास में पैदल कांवड़ यात्रा कर 15 दिनों में त्रिहुत कांवड़िएं बाबा बैद्यनाथ के दरबार पहुंचते हैं. भगवान महादेव को माघ मास के तृतीया, चतुर्थी और पंचमी तीनों दिन की तिथि पर जलाभिषेक करते हैं. यह पैदल कांवड़ यात्रा काफी परिश्रमी मानी जाती है. क्योंकि शिवभक्त जब तक पैदल यात्रा करेंगे, तब तक ये लोग बाहर का कुछ भी नही खाते हैं. यह अपने खाने की पूरी व्यवस्था खुद साथ लेकर चलते हैं.

सोना और भोजन के साथ रास्ते भर रहती है भजन की व्यवस्था

कठिन यात्रा में भी कांवड़िए महादेव की भक्ति में जोश और उमंग के साथ डूबे रहते हैं. ये लोग खाने, सोने की पूरी व्यवस्था के साथ अपने साथ भजन कीर्तन की भी सारी व्यवस्था लेकर चलते हैं. जहां ठहरते हैं, वहां इनके साज लग जाता है और भगवान महादेव के गीत और भजनों से प्रांगण गुंजायमान हो जाता है.

मिथिलांचलवासी महादेव को दहेज में देते हैं 9 लाख कांवड़

दरभंगा जिले के रहने वाले कई त्रिहुत शिवभक्त कांवड़िए ने बताया कि कई साल से माघ मास की अमावस्या के दिन देवघर के महादेव का जलाभिषेक के लिए सुल्तानगंज के गंगा घाट पहुंच जल उठाते हैं और अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं. आगे उन्होंने बताया कि मिथिलांचल वासी महादेव को रोका यानि तिलक लगाकर उनको 9 लाख कांवड़ि़ए भेंट करते हैं.

टैग: बिहार के समाचार, मुंगेर खबर

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here