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उत्तर प्रदेश के मऊ के पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर हत्या का एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। 22 साल पुराना मामला है और बिहार के बक्सर से जुड़ा हुआ है। लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मृतक के पिता को इंसाफ की उम्मीद बढ़ी है। इस केस के साथ ही पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर मुकदमों की संख्या 61 हो गई।

मर्डर केस दर्ज कराने के लिए 22 साल लड़ाई
पूरा मामला 15 जुलाई 2001 का है। तब मनोज की पहचान तक नहीं हुई थी। बाद में पता चला वो मनोज राय हैं, जो बक्सर जिले के राजपुर थाने के सगरा गांव के निवासी हैं। जब ये सूचना पिता को मिली तो बड़े आहत हुए। 22 वर्षों तक लड़ाई लड़ने के बाद उनको न्याय मिला। पूर्व विधायक पर हत्या मामला दर्ज किया गया है।
ठेकेदारी विवाद में हत्या कर शव फेंकने का आरोप
बेटे की मौत के बाद न्याय के लिए मृतक के पिता ने लंबी लड़ाई लड़ी। मृतक के पिता शैलेंद्र राय ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा था, मेरे पुत्र को मुख्तार के लोग गांव से ले गए थे क्योंकि उसके साथ ठेकेदारी का विवाद था। हत्या कर शव फेंक दिया और उसे मुठभेड़ बता दिया। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री और एडीजी को पत्र लिखा था।
गाजीपुर में मोहम्मदाबाद थाने में प्राथमिकी
अब 22 वर्ष बाद एक बार फिर मनोज राय का नाम चर्चा में आया है। 22 जनवरी 2023 को गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ मोहम्मदाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है। जिसमें मुख्तार अंसारी के अलावा चालक सुरेंद्र शर्मा, शाहिद और गौस मोहम्मद को नामजद किया गया है।
15 जुलाई 2001 को हुई थी गोलीबारी
मुख्तार अंसारी 15 जुलाई 2001 को अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर साढ़े 12 बजे उसरी चट्टी के पास गोलीबारी हुई थी। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। एक और आदमी की मौत हो गई थी। इसमें मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मगर अब पूरा मामला पलटता दिख रहा है।
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