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मोतिहारी. बिहार में संसाधनविहीन स्कूलों के बारे में आपने काफी कुछ सुना होगा. आज हम आपको मोतिहारी जिले के तुरकौलिया प्रखंड के दक्षिणी शंकर सरैया पंचायत के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताएंगे, जो सूर्यदेव और इंद्र की कृपा से संचालित होता है. जी हां! इस स्कूल के लिए जब कहीं कोई जगह नहीं मिली तो पंचायत भवन कैंपस में इसे ठिकाना मिला. इस स्कूल में क्लास भी लगती है, शिक्षक और बच्चे भी आते हैं, मिड डे मील भी बनता है. लेकिन अफसोस है कि इस स्कूल में छात्रों के बैठने के लिए कमरे और बेंच-डेस्क ही नहीं.
पंचायत भवन की चारदीवारी के अंदर खुले परिसर में विद्यार्थियों की क्लास यहां अलग-अलग दिशाओं में मुंह करके क्लास लगती है. इस परिसर में ईंट की सोलिंग बिछा दी गई है, जिस पर चटाई बिछाकर बच्चे बैठते हैं. बरसात के दिनों में यहां नहीं के बराबर पढ़ाई हो पाती है. कारण यह है कि बारिश शुरू होते ही थोड़े बहुत बच्चों को तो इस कैंपस के अलग-अलग मकानों के बरामदे पर बैठाकर पढ़ा दिया जाता है, लेकिन जो बच्चे बच जाते हैं उनकी छुट्टी कर दी जाती है. तेज धूप के समय में भी यही हाल बना रहता है. तुरकौलिया प्रखंड के दक्षिणी शंकर सरैया पंचायत के कसेया टोला स्थित इस नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना 16 साल पहले हुई थी.
इस परिसर में खुले आसमान के नीचे भले ही स्कूल का संचालन होता है, लेकिन अन्य संस्थानों के लिए भवन बना हुआ है. इसी परिसर में एकछोटा सा मकान है, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. एक मकान में पंचायत का काम किया जाता है, जबकि एएनएम के लिए दिए गए कमरे में राजस्व कर्मचारी की कचहरी लगती है. जिस कैंपस में खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ रहे होते हैं, वहां दिनभर अन्य लोगों का आना-जाना लगा रहता है. यहां स्कूल को दिए गए एक कमरे में मध्याह्न भोजन बनता है, जबकि शौचालय जलावन और कोयला रखने के काम आता है. मुखिया जी द्वारा बनवाए गए शौचालय का इस्तेमाल ही शिक्षक-शिक्षिका करते हैं.
बातचीत के दौरान विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार ने बताया कि यह समस्या सालों भर की है. महिला शिक्षिका होने के साथ-साथ यहां छोटे-छोटे बच्चे आते हैं, लेकिन शौचालय तक की व्यवस्था और पीने का पानी तक ठीक से नहीं मिल पाता है. जबकि यहां नामांकित 250 बच्चों में से 175 से 200 तक रोज उपस्थित रहते हैं. वे बताते हैं कि इस बारे में शिक्षा विभाग को कई बार खत लिखकर अवगत कराया गया है, लेकिन समाधान नहीं हो पाया.
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प्रथम प्रकाशित : 12 दिसंबर, 2022, 20:10 IST
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