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रिपोर्ट-अमितेश भारद्वाज
मोतिहारी. भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून ज्यादा देखने को मिलता है. जबकि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, जहां मेजर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ियों ने अपने हुनर से पूरे विश्व का परिचय कराया था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हॉकी के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हो पाया. अब हॉकी खेल के प्रति युवाओं को मधुरेन्द्र की रेत कलाकृतियां जागरूक कर रही है. हॉकी खिलाड़ियों की कमी से चिंतित बिहार के युवा रेत कलाकार मधुरेन्द्र कुमार ने ओड़िसा के चंद्रभागा समुद्र तट पर आयोजित कोणार्क फेस्टिवल में बालू पर ‘प्राउड ऑफ इंडिया टू ओड़िशा हॉकी’ का संदेश दिया.
हॉकी के प्रति युवाओं को करना चाहते हैं जागरूक
कोणार्क में अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन बिजबनी गांव निवासी मशहूर युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने अपनी कलाकृति बनायी है. मधुरेन्द्र कहते हैं कि हॉकी के प्रति युवाओं का रुझान प्रतिदिन कम होता जा रहा है. इससे मधुरेन्द्र काफी चिंतित हैं. इन्होंने ओड़िसा के चंद्रभागा समुद्र तट पर आयोजित कोणार्क फेस्टिवल में बालू पर ‘प्राउड ऑफ इंडिया टू ओड़िसा हॉकी’ का संदेश दिया. बालू से बनी हॉकी खेल की टोली काफी मनमोहक थी. यह लोगों को खूब लुभा रही हैं.
सार्क देशों से आए हुए थे सैंड आर्टिस्ट
फेस्टिवल में जापान, कनाडा, रूस, स्पेन व सिंगापुर समेत कई सार्क देशों के रेत कलाकार और हजारों पर्यटक आए हुए थे. वहां सभी लोगों ने बिहार के लाल मधुरेंद्र की रेत कलाकृतियों की प्रशंसा की.
मधुरेन्द्र बताते हैं कि उन्होंने अब तक कई ऐसी कलाकृतियों को उकेरा है जो देश ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हुई. हाल ही में सोनपुर मेले के मुख्य द्वार पर उनके द्वारा बनाया गया मैं भारत से प्यार करता हूँ भी काफी फेमस हुआ था. यह इस मेला का आकर्षण के साथ सेल्फी प्वाइंट बना हुआ था. मधुरेंद्र को कई राजकीय और राष्ट्रीय के साथ अंतराष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. ये इलेक्शन कमीशन के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं.
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प्रथम प्रकाशित : 11 दिसंबर, 2022, शाम 7:36 बजे IST
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