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दरभंगा. भगवान भोलेनाथ के भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. सनातन धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का एक अपना विशेष महत्व है.अनादि काल से चलता आ रहा इस पर्व को सनातनीओं के द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोग इस रोज रात्रि जागरण करके शिव पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं और इस पर्व से विशेष फल की प्राप्ति भी होती है.इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.कुणाल कुमार झा ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा.
दो पर्व का फल भक्तों को मिलेगा
डॉ. कुणाल कुमार झा ने बताया कि महाशिवरात्रि गौरी शंकर विवाह उत्सव नाम से यह शिवरात्रि प्रख्यात है. इस बार विचित्र संयोग है कि इस बार दो पर्व का फल भक्तो को एक ही दिन के पर्व करने से मिलेगा. चतुर्दशी व्रत दोनों इसी दिन हो रहा है. इसलिए महाशिवरात्रि व्रत करने से इन दोनों व्रत का फला फल प्राप्त होगा भक्तजनों को.
इस दिन किस प्रकार पूजा अर्चना करने से होंगे भगवान प्रसन्न
इस दिन शिवार्चन करने से सहस्त्र अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है . जो शयनकाल सूर्यास्त के बाद 18 फरवरी 2023 को संध्या 5 : 35 बजे से लेकर प्रदोतसाके समय 7 : 11 बजे तक का समय है. यह समय सर्वोत्तम समय रहेगा पूजा – अर्चना के लिए. इस दिन दरभंगा के सिंघेश्वर स्थान की भी स्थापना हुई थी. जिस कारण यहां शिवरात्रि में विशेष पूजा-अर्चना भी होती है. इस दिन रुद्रा अष्टम अध्यन मंत्र से शिवलिंग पर गंगाजल , गाय , दूध , मधु , धृत , ईंख रस से जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है. गौरतलब है कि महाशिवरात्रि को लेकर के जिले के विभिन्न शिवालयों को अभी से ही सजाया जा रहा है और पूजा की विशेष व्यवस्था भी की जा रही है.
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पहले प्रकाशित : 10 फरवरी, 2023, 16:19 IST
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