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पहली बार आतंकियों के साथ मधुबनी का कनेक्शन 2006 में सामने आया जब मुंबई लोकल ट्रेन में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी। तब जिले के बासोपट्टी थाना इलाके के मोहम्मद कमाल को एटीएस टीम ने गिरफ्तार किया था। इसी दौर में सिमी यानी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) पर प्रतिबंध भी लगाया गया था। बाद में सीआरपीएफ कैंप में हुए धमाके के तार भी मधुबनी से जुड़े थे। पुलिस ने लखनऊ से 2 जनवरी, 2008 को सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। वह मधुबनी जिले के सकरी थाने के गंधवारी गांव का था।
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में हाल ही में अमृतसर से दो अरेस्ट
साल 2009-10 में दिल्ली ब्लास्ट मामले में भी एक बार फिर मधुबनी जिला के बासोपट्टी प्रखंड के नाम आया था। जिसमें मदनी नाम के आतंकी की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद फिर दिल्ली पुलिस ने 26 नवम्बर, 2011 को मधुबनी के सिंघानिया चौक और सकरी थाना क्षेत्र से अफजल और गुएल अहमद जमाली को पकड़ा था। लगातार आतंकियों के साथ मधुबनी का ये कनेक्शन इसके गौरवशाली अतीत और वर्तमान को दागदार बनाने पर तुल गया है। अब एक बार फिर 2022 में चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) ने ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में दो लोगों को अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर से पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कोलकाता के जफर रियाज और दूसरे आरोपी की पहचान बिहार के मधुबनी जिले के भेजा गांव निवासी शमशाद के रूप में हुई है।
एक आरोपी का निकला मधुबनी कनेक्शन
जांच में पता चला कि दोनों युवक रेलवे स्टेशन के बाहर कई साल से लेमन सोडा बेच रहे थे। SSOC की टीम ने दोनों के पाकिस्तानी एजेंट्स होने के शक पर अरेस्ट किया। दोनों के पास से अमृतसर एयरफोर्स और इंडियन आर्मी की तस्वीरों के साथ-साथ देश से जुड़ी कई जरूरी चीजें हाथ लगी हैं। दोनों पर आरोप है कि वो भारतीय सेना की जानकारियां जुटाकर पाकिस्तान भेज रहे थे। SSOC के सामने यह राज कुछ कॉल्स के बाद खुला, जो पाकिस्तान से आए थे। कॉल इंटरसेप्ट करने के बाद पंजाब पुलिस के स्पेशल विंग ने इन दोनों पर नजर रखना शुरू किया। जब दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल गए तो SSOC की टीम ने दोनों आरोपियों को अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार शमशाद कौन है जानिए
कोलकाता निवासी रियाज ने पुलिस को अहम जानकारी दी है। रियाज ने बताया कि वह 2005 में पाकिस्तान गया था, जहां उसकी मुलाकात राबिया नाम की युवती से हुई। दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली। इसी दौरान राबिया ने रियाज की मुलाकात पाकिस्तान में एक ISI अधिकारी आवेश से करवाई। कुछ समय बाद राबिया और रियाज दोनों भारत आ गए। वहीं भारत आकर रियाज की मुलाकात शमशाद से हुई। शमशाद अमृतसर रेलवे स्टेशन पर सोडा बेचने का काम करता था। इसके बाद रियाज ने शमशाद को भी अपने साथ मिला लिया। आरोप है कि दोनों मिलकर भारतीय सेना की जानकारियां जुटाने लगे और उन्हें पाकिस्तान भेजने में जुट गए।
क्या आतंकियों का सेफ जोन बनता जा रहा मधुबनी?
शमशाद पिछले 15 साल से अमृतसर में रह रहा था। 2 महीने पहले वो गांव यानी मधुबनी स्थित घर आया था। इसके बाद वो वापस अमृतसर गया। शमशाद के पिता मधुबनी के भेजा गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करते हैं। हालांकि अब पुलिस लगातार इन सबसे पूछताछ कर रही है। रियाज ने पाकिस्तान में पाकिस्तानी राबिया नाम की महिला से शादी की थी और उसे भारत लेकर आया था। अब SSOC की टीम राबिया की जानकारियां जुटाने में लगी है। पुलिस आरोपियों से अभी लगातार पूछताछ कर रही है और जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
कानून व्यवस्था पर भी उठ रहे सवाल
आतंकियों से जुड़ रहे मधुबनी के कनेक्शन चौंकाने वाले तो हैं ही इसके साथ ही लगातार जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाएं पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ें कर रही हैं। जिले में सुरक्षा की स्थिति जस की तस बनी है। बिहार पुलिस के लिए मधुबनी जिला एक चुनौती के रूप में सामने आ रहा। मधुबनी में अपराधी लगातार अलग-अलग तरीके से घटना को अंजाम दे रहे हैं। हर दिन हत्या, लूट जैसे अपराध यहां आम बात हो चुकी है। पुलिस जब तक पुराने मामलो का खुलासा करती है नए मामले सामने आ जाते हैं। ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा कि मधुबनी पुलिस जब अपराधियों से निपटने में नाकाम दिख रही तो आतंकियों से लगातार जुड़ रहे जिले के कनेक्शन को कैसे खत्म करेगी? हालांकि मधुबनी के नए पुलिस कप्तान के रूप में सुशील कुमार ने जिम्मेदारी संभाली है। जिसके बाद आम जनमानस को एक नई उम्मीद जगी है।
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