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लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती। (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव इलाज के लिए सिंगापुर रवाना हो गए हैं। उनके साथ छोटे बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्य भी हैं। सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है। 74 वर्षीय लालू यादव पिछले महीने सिंगापुर से लौटे थे। वे अपनी किडनी की समस्या का इलाज करा रहे हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते में उनका किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हो सकता है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ऑपरेशन सफल होगा। उनके शुभचिंतक उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। सभी की दुआएं उनके साथ हैं।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने लालू प्रसाद यादव की बेटी और मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आरोपी मीसा भारती को सिंगापुर जाने की अनुमति दे दी है। मीसा ने अदालत से पिता के इलाज के लिए सिंगापुर जाने की इजाजत मांगी थी। जहां लालू यादव की किडनी ट्रांसप्लांट की जानी है।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने मीसा भारती के पति और सह-आरोपी शैलेश कुमार को 25 नवंबर 2022 से 1 जनवरी 2023 तक विदेश यात्रा करने की भी अनुमति दी है। अदालत ने कहा कि इस दौरान आवेदकों की प्रत्यक्ष उपस्थिति की आवश्यकता वाली कोई कार्यवाही नहीं होनी है। अदालत ने कहा कि अदालती कार्यवाही के दौरान आवेदकों का आचरण अच्छा था क्योंकि जब भी उन्हें पेश होने के लिए बुलाया गया था। वह उपस्थित हो गए। वह अदालत की कार्यवाही के दौरान हमेशा मौजूद रहे है।
आवेदन में कहा गया है कि लालू यादव को सिंगापुर में डॉक्टरों द्वारा तत्काल किडनी ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने का समय लगता है। अदालत ने कहा कि आवेदन में प्रस्तुत किया गया है कि मीसा भारती के पिता लगभग 74 साल के हैं और वह मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के कारण गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं। सर्जरी 5 दिसंबर को होगी।
ईडी ने अर्जी का किया था विरोध
ईडी ने अर्जी का विरोध किया था। साथ ही कहा कि विदेश यात्रा की अनुमति दी जाती है तो आरोपी न्याय से भाग सकते हैं। हालांकि, इस मामले में आरोपियों को देश छोड़ने से पहले सिंगापुर में ठहरने के स्थान के साथ-साथ मोबाइल नंबरों के अलावा यात्रा कार्यक्रम अदालत के सामने प्रस्तुत करना होगा। अदालत ने आरोपियों को एफडीआर के माध्यम से 10-10 लाख रुपये की राशि जमा करने का भी निर्देश दिया, जो अदालत की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने की स्थिति में भारत सरकार द्वारा जब्त किए जाने के लिए उत्तरदायी होगा।
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