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दिल्ली नहीं बिहार बना सियासत का केंद्र
वैसे तो देश की राजधानी दिल्ली है लेकिन अगले कुछ दिन ऐसा माना जा रहा कि बिहार राजनीतिक राजधानी बनने जा रही है। यह जल्द ही नजर आने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक करने जा रहे। माना जा रहा कि इस बैठक में लालू यादव की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। सीएम नीतीश बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों को एक करने की मुहिम में दो यात्राएं कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। उनकी दूसरी यात्रा के दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की।

विपक्षी एकता की मजबूती पर पड़ेगा असर
कर्नाटक चुनाव के बाद पूरे देश के विपक्षी नेताओं का जमावड़ा राजधानी पटना में लगने वाला है। इस बात के संकेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो दे ही दिया है। माना जा रहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद सर्वदलीय बैठक का हिस्सा जरूर बनेंगे। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, के. चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन शामिल होंगे।
इनके अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भी विपक्षी दल के नेता इसमें शामिल होंगे। नीतीश कुमार नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में विपक्षी दलों को भी बैठक में शामिल करने की कोशिश में हैं। लालू प्रसाद यादव भी यह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज्यादा से ज्यादा राज्यों के विपक्ष के नेताओं को एक करें। इसे लेकर नीतीश कुमार की लालू प्रसाद यादव से कई चरण में बात हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली से पटना आने का लालू प्रसाद का मकसद विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश का एक हिस्सा है।
क्या होगी लालू की रणनीति
माना जा रहा कि बिहार में लालू प्रसाद यादव की एंट्री के बाद बीजेपी के लिए कहीं न कहीं मुश्किलें खड़ी होती नजर आएगी। एक तरफ जहां बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आरजेडी को ए टू जेड की तरफ मूव करने की कोशिश में हैं। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के कोर वोटर माने जाने वाले मुस्लिम और यादव (M-Y) के साथ दलित, अति पिछड़ा वर्ग भी उनके साथ आता नजर आएगा। एक तरफ जहां लालू यादव की एंट्री से कार्यकर्ताओं को मजबूती मिली है। वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सवर्णो को जोड़ने में जुटे हैं। आनंद मोहन की रिहाई के बाद इसका फायदा आगामी चुनाव में वोट के रूप में मिलता जरूर नजर आएगा।
Nitish Kumar: राबड़ी आवास में लालू यादव से मिले सीएम नीतीश, 15 मिनट दोनों नेताओं में हुई बात
पटना में क्या कर रहे आरजेडी मुखिया
पटना में लालू प्रसाद यादव इस समय राबड़ी आवास में रुके हुए हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू यादव अब काफी स्वस्थ महसूस कर रहे। फिलहाल अभी अपने पुराने सहयोगियों और पत्रकारों से मुलाकात करने में व्यस्त हैं। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लालू यादव बहुत ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे। लेकिन राबड़ी आवास में कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात का दौर जारी है। कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी बात सुन रहे हैं। लालू प्रसाद यादव पुराने पत्रकारों से भी मुलाकात कर बिहार की मौजूदा राजनीति स्थिति का आकलन करने की कोशिश में भी लगे हैं।
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