
[ad_1]
रिपोर्ट – अविनाश सिंह
लखीसराय: मौसम की बेरुखी ने इलाके के किसानों की चिंता बढ़ा दी है. रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश और तापमान में अचानक गिरावट से किसानों को दोहरी मार पड़ी है. बारिश ने दलहन और तिलहन की खेती करने वाले किसानों की परेशानी काफी बढ़ा दी है. जिससे किसान काफी चिंतित है और आलम यह हो गया है कि उपजाए हुए फसलें अब खेत में भींग कर बर्बाद हो रही है. लेकिन बेबस किसान सिर्फ अपनी किस्मत को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल, जिले के अधिकांश भू-भाग में इस बार दलहन और तिलहन की काफी अच्छी फसल हुई थी. जिससे किसान यह आशा पाले हुए थे की इस बार काफी वर्षों के बाद अच्छी पैदावार होगी. लेकिन सच ही कहा गया है खेती एक जुआ है जिसमें न जाने कब दाव उल्टा पड़ जाए और सब गुड़ गोबर हो जाए. आसमानी कहर के शिकार किसानों के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है.
निर्धारित लक्ष्य से अधिक की गई थी रबी के फसल की बुआई
बताते चलें की इस बार जिले में लक्ष्य से अधिक रबी की फसलों की बुआई की गई थी. जिले में इस बार 58519.65 हेक्टेयर जमीन में रबी की फसलों की बुआई करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन यहां के किसानों के द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक 6346.48 हेक्टेयर जमीन पर रबी की फसलों की बुआई की गई थी. यानी की कुल 64866.63 हैक्टेयर जमीन पर रबी के फसलों की खेती की गई थी. इस बार लगभग 10 वर्षों के बाद मौसम रबी के फसलों के लिए अनुकूल रहा. जिससे फसलों में अच्छी फलन आई थी. खेतों में लहलहाती फसलों को देख कर किसान आशान्वित थे कि इस बार बंपर पैदावार होगी और काफी अच्छा मुनाफा भी होगा.
बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेर दिया पानी
किसान के खेतों में फसलें पक कर तैयार भी हो गई. इसके बाद लगभग 90 प्रतिशत भू-भाग पर फसलों की कटाई भी कर ली गई थी. किसान खलिहान तैयार कर उसमें फसलों के बोझे रख चुके थे. अब बारी थी उसकी दौनी करने की, जिसके लिए थ्रेसर भी तैयार थे. लेकिन तभी किसान की बाजी पलट गई और वर्षा के रूप में उनके फसलों पर आसमानी आफत कुदरत का कहर बन कर टूट पड़ा. अब आलम यह है की सूखे फसल के बोझे भींग चुके हैं और किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया. साफ शब्दों में कहें तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.
अगर मौसम बेईमान ही रहा तो फसल हो जाएगी बर्बाद
किसान कल्याण मंडल बताते हैं की लगभग 150 बीघे जमीन में दलहन और तिलहन की खेती की थी. फसलें काफी अच्छी थी, जिससे यह उम्मीद थी कि अच्छी पैदावार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी होगा. लेकिन मेरी सुखी हुई फसलों के बोझे भींग चुके हैं. जिससे अब अनाज के दाने काले हो जायेंगे. वहीं अगर मौसम अगर कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो फसलें बोझे में ही अंकुरित होने लगेगी और पूरी तरीके से बर्बाद हो जायेगी.
किसान के साथ मजदूरों के लिए भी आफत बनकर आईबारिश
टाल क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों से मजदूर फसलों की कटाई करने आते हैं. मजदूर बताते हैं कि इससे कमाई होने वाले दलहन और तिलहन के अनाज से पूरे वर्ष दाल और तेल खाते हैं. लेकिन बेमौसम बरसात के वजह से न चाहते हुए भी मजबूरन अब घर लौटना पड़ेगा. ऐसा होने से अब मजदूरों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. क्योंकि दाल और तेल का पूरे वर्ष के लिए अब बंदोबस्त करना मजदूरी कर जीवन यापन करने वालों के लिए के टेढी खीर साबित होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
टैग: कृषि, बिहार के समाचार
पहले प्रकाशित : 22 मार्च, 2023, 13:57 IST
[ad_2]
Source link