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14 अप्रैल से शुरू हुए महोत्सव का आज था आखिरी दिन
हजारों कुर्सियां हुई चकनाचूर
कुमार सानू मंच पर अपनी प्रस्तुती दे रहे थे। 90 की दशक की हिट गानों को सुनाकर कुमार सानू ने दर्शकों का मनोरंजन कर रहे थे। ‘सांसों की जरूरत है जैसे जिंदगी के लिए…, ये काली-काली आंखें…,वो लड़की आंखें मारे…’ गीत का वैशाली महोत्सव में आए लोग जमकर लुत्फ उठा रहे थे। इधर कार्यक्रम स्थल पर लाखों लोगों की भीड़ बेकाबू हो रही थी। दर्शक कुमार सानू को देखने के लिए व्याकुल थे, धक्का-मुक्की हो रही थी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी तो गुस्साए लोगों ने कार्यक्रम में बैठने के लिए लगी हजारों की संख्या में कुर्सियों को तोड़कर चकनाचूर कर दिया।
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