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कटनी में मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस पर हुई थी लूट।
– फोटो : अमर उजाला
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कटनी में बरगवां स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की ब्रांच में डकैती डालने वाले चौथे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय ने पुलिस को पूछताछ के लिए आरोपी का सात दिन का रिमांड प्रदान किया है। आरोपी की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
कटनी पुलिस अधीक्षक एसके जैन ने बताया कि 26 नवंबर की सुबह लगभग साढे़ दस बजे आधा दर्जन अधिक सशस्त्र डकैतों ने रंगनाथ थानांतर्गत बरगवां स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन की ब्रांच में धावा बोला था। पिस्टल की नोंक पर आरोपी बैंक के लॉकर में रखा 16 किलो सोना व साढ़े तीन लाख रुपये नगद लेकर फरार हो गए थे। मंडला पुलिस के सहयोग से दो आरोपियों को भागते समय निवास में गिरफ्तार कर लिया गया था।
गिरफ्तार किए गए शुभम तिवारी उम्र 24 साल निवासी बिहार तथा अंकुर साहू उम्र 25 साल निवासी बक्सर बिहार ने पूछताछ के दौरान बताया कि पटना के बेऊर जेल बंद सुबोध सिंह गैंग के सदस्य हैं। डकैती की योजना सुबोध सिंह तथा बक्सर जेल में बंद दिलीप सिंह ने रची थी। वारदात में गैंग के सदस्य अखिलेश उर्फ विकास निवासी वैशाली, अर्जुन उर्फ पीयूष जयसवाल निवासी पटना, मिथिलेश उर्फ धर्मेन्द्र पाल निवास बक्सर तथा अमित सिंह उर्फ विक्कू निवासी हाजीपुर शामिल थे। उनकी गैंग ने गत 29 अगस्त को राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक गोल्ड लोन ब्रांच में डकैती डाली थी। पुलिस ने गैंग के एक अन्य सदस्य को बिहार से गिरफ्तार किया था। जिसने फर्जी आईडी के माध्यम से कटनी में मोटरसाइकिल खरीदी थी।
डकैती में शामिल मिथिलेश उर्फ धर्मेन्द्र पाल निवास बक्सर को बिहार पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आरोपी ने बघराजी क्षेत्र में धर्मेन्द्र नाम की फर्जी आईडी का उपयोग कर घर किराए से लिया था। बैंक की फुटेज में भी आरोपी दिखाई दे रहा है। बैंक कर्मी की मोटरसाइकिल लेकर एक अन्य साथी के साथ सतना की तरफ भगा था।
सुबोध के खिलाफ पुलिस जुटा रही साक्ष्य
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस गैंग के अन्य सदस्य व सरगना सुबोध सिंह के संबंध में पूछताछ कर रही है। इस गैंग के सदस्य देश में लगभग साढ़े तीन सौ किलो सोने की डकैती डाल चुके हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग के सदस्य तीसरे व्यक्ति को डकैती का माल देकर फरार होते हैं। तीसरा व्यक्ति निर्धारित स्थान पर पहुंचकर अन्य व्यक्तियों को डकैती का माल देता है। गैंग के सदस्य आपस में एक-दूसरे को नहीं पहचाते हैं और सिर्फ सरगना सुबोध के आदेशों का पालन करते हैं। डकैती के माल के संबंध में सिर्फ सुबोध को जानकारी रहती है। पुलिस गैंग के सदस्यों के माध्यम से जानकारी जुटा रही है ताकि जेल में बंद सुबोध से पूछताछ की जा सके या उसे यहां लाया जा सके।
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