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Nitish Kumar vs Upendra Kushwaha: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भीतर उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार, ललन सिंह और उमेश कुशवाहा के बीच मचे घमासान के बीच अब सुलह की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही। दोनों तरफ से एक दूसरे पर जबरदस्त तरीके से वार किए जा रहे हैं। इस वजह से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें हैं।
हाइलाइट्स
- उपेंद्र कुशवाहा बोले, घट रहा जेडीयू का जनाधार
- कुशवाहा का आरोप, जेडीयू-आरजेडी के विलय की सहमति बन चुकी है
- कुशवाहा ने नीतीश से नाराज नेताओं की 19-20 फरवरी को बुलाई बैठक
- नीतीश समर्थकों का कहना है, कुशवाहा अवसरवादी हैं
क्या 20 फरवरी को जनता दल यूनाइटेड के हो जाएंगे दो फाड़?
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम एक खुला पत्र जारी किया है। पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं के साथ आगामी 19 और 20 फरवरी को एक बैठक कर अपनी बात रखने के साथ कार्यकर्ताओं की राय जानना चाहते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र में कहा है कि पार्टी आंतरिक कारणों से रोज कमजोर हो रही है। उपेंद्र कुशवाहा का यह भी मानना है कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जेडीयू का जनाधार काफी तेजी से घट रहा है। उन्होंने कहा कि नवंबर दिसंबर में हुए उपचुनाव के परिणाम इसका जीता जागता उदाहरण है।
Bihar Politics : ‘हमलोग पार्टी से किसी को धक्का देकर नहीं निकालते’… JDU प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान, उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई जल्द
इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी के साथ पार्टी नेतृत्व ने कोई ‘खास डील’ की है। संभवत उस डील में जनता दल यूनाइटेड (JDU) का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में विलय करने पर भी सहमति बन चुकी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को खून पसीने से सींचा है। उन कार्यकर्ताओं को जबरन उसी पार्टी के लिए काम करने को मजबूर किया जा रहा है, जिसके खिलाफ वर्षों तक कार्यकर्ताओं ने लड़ाई लड़ी है। उपेंद्र कुशवाहा के इस पहल पर यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 19 और 20 फरवरी को उन्होंने की बैठक बुलाई है, उसमें पहुंचने वाले जेडीयू कार्यकर्ता की संख्या क्या होती है। और क्या उपेंद्र कुशवाहा उसी दिन पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जेडीयू छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं?
उपेंद्र कुशवाहा अति महत्वाकांक्षा में बोल रहे अनाप-शनाप: उमेश सिंह कुशवाहा
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा द्वारा 19 और 20 फरवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक पर कटाक्ष किया है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को नसीहत देते हुए कहा कि अभी वह पार्टी के एक सदस्य मात्र हैं। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा हाल के दिनों में प्रखंड से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक संगठन का चुनाव हुआ है। लेकिन उसके बाद अभी तक ना तो प्रदेश और ना ही राष्ट्रीय कमेटी जारी की गयी है। इसलिए उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षा के अतिरेक में अव्यवहारिक और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जो उनके राजनीतिक जीवन के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा। उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू जनता की पार्टी है। जिसे नीतीश कुमार ने खड़ा किया है। उपेंद्र कुशवाहा कितने अवसरवादी हैं यह बताने की जरूरत नहीं। वह कहां- कहां गए, अपनी पार्टी बनाए और इस बार यहां आने के बाद पार्टी को ही कमजोर करने का काम किया। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अब हमारे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नही हैं। इसलिए उनको मीटिंग बुलाने का कोई अधिकार ही नहीं है। उमेश सिंह कुशवाहा ने यहां तक कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा संसदीय दल के अध्यक्ष होते तो भी उन्हें यह अधिकार नहीं था।
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