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रिपोर्ट – हर्षित कुमार
जहानाबाद. यूं तो बिहार में शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की बाढ़ है, लेकिन आज भी जहानाबाद जिला मुख्यालय के राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी को अपना स्कूल भवन नहीं होने के कारण शहर में ही स्थित एक मंदिर के परिसर में बच्चों की क्लास लगानी पड़ रही है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी का संचालन कई वर्षों से शहर में ही स्थित गौरक्षिणी धाम मंदिर में हो रहा है.
मंदिर परिसर में ही बच्चों की क्लास लगती है और यहीं बच्चे पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा मंदिर के ही एक कमरे में बच्चों के लिए मध्यान भोजन बनाया जाता है. अगर बात करें इस गौरक्षिणी धाम मंदिर की तो यह मंदिर शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यहां पूजा-पाठ और शादी-विवाह जैसे कार्यों के लिए हमेशा भीड़ लगी रहती है.इसी भीड़ में बच्चों की पढ़ाई भी होती है.
मंदिर परिसर में चल रहा है राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी
विद्यालय की शिक्षिका प्रगति कुमारी बताती हैं कि विद्यालय का संचालन शहर में ही स्थित एक मंदिर के परिसर में हो रहा है. मंदिर में स्कूल के संचालन के पीछे की वजह यह है कि विद्यालय को भवन के लिए जमीन तो मिली है, लेकिन अभी तक भवन नहीं बन सका है. इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई यहां मंदिर परिसर में होती है.
राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी 1960 से ही चल रहा है, लेकिन इस विद्यालय का अपना भवन नहीं है. भवन नहीं होने के कारण शुरूआत से ही यह स्कूल यहीं मंदिर में चल रहा है. हालांकि बीच में इसे जहानाबाद के दूसरे स्कूल में टैग कर दिया गया था, लेकिन वहां भी भवन जर्जर हालत में होने के कारण फिर से जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर यह स्कूल मंदिर में संचालित होने लगा. मंदिर में हमेशा भीड़ लगी रहती है. ऐसे में पढ़ाई करवाने में काफी समस्या होती है.
राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी में 86 बच्चे हैं नामांकित
शिक्षिका प्रगति कुमारी बताती हैं कि ज्यादा भीड़ होने पर मंदिर की तरफ से एक कमरा दे दिया जाता है, जहां पढ़ाई करवाई जा सके. इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौरक्षिणी में एक से पांचवी कक्षा तक संचालित होने वाले इस भवनविहीन विद्यालय में कुल 86 बच्चे नामांकित हैं. साथ हीं पढ़ाने के लिए तीन शिक्षिकाएं कार्यरत हैं.
पढ़ाई में काफी समस्या मंदिर के शोर शराबे से होती है, लेकिन फिर भी पढ़ाई जैसे-तैसे यहां चल रही है. मंदिर की तरफ से ही एक कमरा मिला हुआ है जिसमें बच्चों के लिए भोजन बनता है. शिक्षिका ने बताया कि इस विद्यालय के भवन के लिए कई बार बोला गया है, लेकिन बस आश्वासन ही मिलता है. हालांकि अभी यह बोला गया है कि एक साल से अंदर में भवन तैयार हो जाएगा.
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पहले प्रकाशित : 17 अप्रैल, 2023, 21:22 IST
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