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पूर्ण प्रतिबंध को समाप्त करने की मांग
केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पारस ने बिहार में शराब पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि ये नीति नाकाम रही है और जहरीली शराब की आपूर्ति के चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। पारस की पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) बिहार और केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत और बिगड़ती कानूनी-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेगी।
राज्यपाल से मिलेंगे RLJP के सांसद
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य के चार सांसदों समेत पार्टी के सदस्य सारण में हुई त्रासदी को लेकर 17 दिसंबर को पटना में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध खत्म किया जाना चाहिए। अप्रैल 2016 में नीतीश सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
नीतीश पर शर्मनाक बयान देने का आरोप
पशुपति कुमार पारस की पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शर्मनाक बयान देने का आरोप लगाया कि जो पिएगा वो मरेगा। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रासदी में अपने सदस्यों को खोने वालों के पास जाने के बजाय इस तरह के असंवेदनशील बयान दे रहे हैं। सारण के जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
प्रतिबंध के कारण बिहार बन रहा मजाक- PK
चुनावी रणनीतिकार और बिहार में जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने भी इस कानून को वापस लेने का अनुरोध किया है। शिवहर जिले में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘प्रतिबंध के कारण बिहार एक मखौल बन रहा है। कानून को किसी समीक्षा की जरूरत नहीं है, उसे तुंरत वापस लिया जाना चाहिए। समय आ गया है कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, उनके साथ चार साल सत्ता में रही भाजपा और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सहित सभी राजनीतिक दल पाखंड छोड़ें और वोट की चिंता किए बिना फैसला करें।’
इनपुट- भाषा
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