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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: अभिषेक दीक्षित
अपडेट किया गया गुरु, 02 जून 2022 07:46 PM IST
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बिहार में सभी धर्मों की जातियों एवं उपजातियों कि गणना होगी। जाति जनगणना पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना कराएगी।
राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी। सरकार के स्तर पर जातीय जनगणना कराने की जिम्मेवारी समान प्रशासन विभाग को दी जाएगी। इसके लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होगी, जो कंटीजेंसी फंड से जारी किया गया। अगले 8 महीनों में जनगणना कार्य संपन्न हो जाएगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 14 एजेंडों पर मुहर लगी। इसके पहले राज्य में जाति आधारित गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई थी। जिसमें 9 दलों के नेता शामिल हुए थे । सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया था कि बिहार में जाति आधारित गणना की जाएगी। राज्य के सभी व्यक्तियों के बारे में जानकारी ली जाएगी, चाहे वह आर्थिक हो या धार्मिक सभी जानकारी ली जाएगी।
इसके लिए राज्य सरकार अपने स्तर से कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी। इसके साथ ही सरकार की तरफ से राज्य में महाराणा प्रताप की जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाए जाने की भी मंजूरी दी गई है। 9 मई को पटना में महाराणा प्रताप की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी।
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