Home Bihar Good News: बक्सर में श्वेत क्रांति का सपना जल्द होगा साकार, बनाया जा रहा है गोकुल ग्राम, होंगी कई खासियत

Good News: बक्सर में श्वेत क्रांति का सपना जल्द होगा साकार, बनाया जा रहा है गोकुल ग्राम, होंगी कई खासियत

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Good News: बक्सर में श्वेत क्रांति का सपना जल्द होगा साकार, बनाया जा रहा है गोकुल ग्राम, होंगी कई खासियत

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गुलशन सिंह

बक्सर. कभी दूध की कमी से जूझने वाला भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बन रहा है. दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में देश में श्वेत क्रांति का बड़ा योगदान है. अब श्वेत क्रांति के जरिए बिहार में दूध की किल्लत दूर की जाएगी. दरअसल, बिहार के बक्सर जिला अंतर्गत डुमरांव प्रखंड के हरियाणा फार्म के पास सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्रीय गव्य विकास मिशन के तहत गोकुल ग्राम का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. यह गोकुल ग्राम 18.10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है. इसके निर्माण का अधिकांश कार्य लगभग पूरा हो चुका है. यहां देसी और अन्य नस्ल की गायों को रखा जाएगा. यहां रोजाना दो हजार लीटर दूध का उत्पादन होगा.

डुमरांव में गोकुल ग्राम चालू होने से इलाके के लोगों को जहां रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा. वहीं, दूध की जरूरतें भी काफी हद तक पूरी हो जाएगी. बताया जा रहा है कि गोकुल ग्राम में देसी नस्ल की 300 साहीवाल गाय रखी जाएगी. इससे प्रतिदिन दो से ढाई हजार लीटर दूध का उत्पादन होगा. दूध की बिक्री स्थानीय बाजार में की जाएगी. इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है.

बिहार का इकलौता गोकुल ग्राम डुमराव में बनेगा

सरकार की कार्य योजना के मुताबिक बिहार का पहला गोकुल ग्राम डुमरांव में तैयार किया जा रहा है. लिहाजा इस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों की निगाहें टिकी हुई हैं. इस गोकुल ग्राम में देसी नस्ल की गायों को रखा जाएगा. उन गायों को विकसित करते हुए अधिक दूध देने वाला नस्ल तैयार किया जाएगा. पहले इसके लिए गाय, बछड़ा और सांड को रखने के लिए शेड बनाया जा रहा है. यहां से दूध बेचने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट तैयार कर पैकिंग भी की जाएगी. यहां जो उत्पाद तैयार होगा उसे खुले बाजार में बेचने का काम भी किया जाएगा.

लौटने वाला है तीन दशक पुराना दौर

बता दें कि, तीन दशक पहले हरियाणा फार्म के पशु प्रजनन प्रक्षेत्र में 450 गाय के साथ सांड और बैल रहा करते थे. उस समय डुमरांव में दूध की नदी बहती थी. गोकुल ग्राम बनने से लोगों को इस बात की खुशी है कि तीन दशक पहले का वो दौर फिर से लौटने वाला है. इस बार इस गोकुल ग्राम से जुड़कर लोग रोजगार भी कर सकते हैं. इसके बनने से क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा.

टैग: बिहार के समाचार हिंदी में, बक्सर न्यूज, दूध

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