Home Bihar GD Goenka School: छात्र की मौत मामले में सनसनीखेज खुलासे का दावा, तो क्‍या जहर खाने से नहीं पिटाई से हुई थी मौत?

GD Goenka School: छात्र की मौत मामले में सनसनीखेज खुलासे का दावा, तो क्‍या जहर खाने से नहीं पिटाई से हुई थी मौत?

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GD Goenka School: छात्र की मौत मामले में सनसनीखेज खुलासे का दावा, तो क्‍या जहर खाने से नहीं पिटाई से हुई थी मौत?

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गया. जीडी गोयनका स्‍कूल के छात्र कृष्‍ण प्रकाश की मौत मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कृष्‍ण प्रकाश के पिता के दावे पर यकीन किया जाए तो स्‍कूल प्रबंधन और पुलिस के बीच मिलीभगत के कारण पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट बदल दिया गया था. पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में छात्र की मौत की वजह सल्‍फास खाना बताया गया था. विवाद होने पर 8वीं कक्षा के छात्र के विसरा को जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था. छात्र के पिता ने विसरा रिपोर्ट हाथ लगने का दावा किया है. उनका कहना है कि उनके बेटे की मौत जहर खाने से नहीं, बल्कि पिटाई से हुई थी. उन्‍होंने स्‍कूल प्रबंधन और पुलिस के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया है. साथ ही कोलकाता लैब की विसरा रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग की है. बिहार के पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी स्‍थानीय प्रशासन और स्‍कूल प्रबंधन पर साठगांठ का आरोप लगाया है.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छात्र की मौत सल्फास खाने से होने की बात कही गई थी. एसएसपी ने विसरा जांच के लिए कोलकाता भेजा था. गया के चर्चित जीडी गोयनका स्कूल के आठवीं क्लास के छात्र कृष्ण प्रकाश की संदिग्ध मौत मामले में पूर्व स्पीकर सह राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी और मृतक के परिजनों ने चौंकाने का दावा किया है. उनका दावा है कि कृष्‍ण प्रकाश की मौत पिटाई से हुई थी. उन्होंने दावा किया है कि विसरा रिपोर्ट में पिटाई से मौत होने की बात कही गई है. उनका कहना है कि उन्‍होंने अपने सूत्र के जरिये विसरा रिपोर्ट हासिल की है. उन्होंने कहा कि पुलिस को विसरा रिपोर्ट जारी करनी चाहिए. साथ ही आरोपी शिक्षक शुभेंदु को गिरफ्तार कर मामले में त्‍वरित कार्रवाई करने की मांग की गई है. स्कूल के प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उन्‍होंने शिक्षक पर कार्रवाई नहीं की.

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फरवरी में हुई थी छात्र की मौत
दरअसल, जीडी गोयनका स्‍कूल में छात्र की मौत का मामला 16 फरवरी 2022 का है. शहर के बाटा मोड़ के पास रहने वाले प्रकाश चंद्र के पुत्र कृष्‍ण प्रकाश भी इसी स्‍कूल में पढ़ता था. वह आठवीं कक्षा का छात्र था. कृष्ण प्रकाश की तबीयत स्कूल परिसर में बस में बैठने के दौरान अचानक से बिगड़ गई थी. वह अचेत होकर वहीं पर गिर गया था. आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्र को निजी डॉक्टर के पास ले गया गया, जहां से डॉक्टरों ने कृष्‍ण प्रकाश को जयप्रकाश नारायण अस्पताल भेज दिया था. वहां के डॉक्टरों ने कहा था कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल के एक शिक्षक शुभेंदु कुमार ने बच्चे को बेरहमी से पीटा था. आरोपी टीचर के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया था.

सवालों के घेरे में पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट
कुछ दिन बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, जिसमें बच्चे की मौत की वजह चौंकाने वाली बताई गई थी. रिपोर्ट में मौत का कारण सल्फास खाना (जहर खाना) बताया गया था. उस वक्‍त सबके मन में यही सवाल उठा था कि बच्चे के पास सल्फास कहां से आया था? परिजनों ने पुलिस पर स्कूल प्रबंधन के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का आरोप लगाया था. इसके बाद एसएसपी हरप्रीत कौर के आदेश पर विसरा जांच के लिए सैंपल को कोलकाता भेजा गया था. विसरा रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, लेकिन छात्र के परिजनों का दावा है कि उन्‍होंने सोर्स से रिपोर्ट की जानकारी हासिल की है. इसमें छात्र की मौत पिटाई से होने की बात कही गई है. कृष्ण प्रकाश के पिता प्रकाश चंद्र ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में काफी हेरफेर की गई. अब विसरा रिपोर्ट से जो जानकारी मिल रही है, उसमें मौत का कारण पिटाई बताया गया है. ऐसे में आरोपियों की जल्‍द गिरफ्तारी की जाए.

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