
[ad_1]
जीतन राम मांझी की भांजी के बेटे अविनाश कुमार ने बताया कि ‘गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव की रंजिश झुमटा (होली के दो दिन दिन बाद रंग खेलने के लिए निकलने वाला जुलूस) की रात निकाली है। हमारा टायलेट घर के बाहर है लेकिन दीवार से सटा हुआ है, हमारी भाभी प्रिया देवी रात को टायलेट गई थीं। इसी बीच उनकी चीख की आवाज सुनाई दी। इस पर मां केशरी देवी ने कहा कि देखो तो भाभी के साथ क्या हुआ वह क्यों चीख रही हैं।’
‘रायफल, बंदूक और तलवार से लैस थे हमलावर’
अविनाश के मुताबिक ‘जब हमलोग बाहर निकले तो देखा कि भाभी को कुछ लोग जबरन उठा कर ले जा रहे थे। इस पर हमलोगों ने विरोध किया तो सभी लोगों ने रायफल, बंदूक और तलवार के साथ हमला बोल दिया। बावजूद इसके हमलोग निहत्थे ही उनसे भिड़ गए। इस पर उनलोगों ने बंदूक की बट से मार कर मेरे भाई को जख्मी कर दिया। जब भाभी ने इसका विरोध किया तो उनकी गर्दन और पैर पर तलवार से हमला कर दिया गया। उन्हें बचाने के दौरान मैं भी जख्मी हो गया।’ अविनाश के मुताबिक उनकी मां ने पंचायत समिति के सदस्य का चुनाव लड़ा था जिसका गांव के ही कुछ लोग विरोध कर रहे थे और उन्हीं ने ये हमला किया।
[ad_2]
Source link