
[ad_1]
गया. गया जिला के शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र की पहाड़ी तथा जंगली इलाके में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है. ड्रोन कैमरे से किए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है. खुलासा के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है. इससे पूर्व में भी इस इलाके में अफीम की खेती होती रही है. जिला प्रशासन के द्वारा हर साल अफीम की खेती को नष्ट भी किया जाता रहा है. बावजूद इसके खेती बंद नहीं हुई है.
वन विभाग की जमीन पर अफीम की खेती
अफीम की खेती करने वाले तस्करों का तार बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है. यहां से अफीम और डोडा का सप्लाई दूसरे शहरों में होता है. सूत्रों की माने तो नक्सलियों की आड़ में गांव के भोले भाले लोगों से तस्कर धमकी देकर वन विभाग की जमीन पर अफीम की खेती करवाते हैं. ताकि पुलिसिया कार्रवाई में तस्कर बच जाए और भोले-भाले ग्रामीण फंस जाए. लेकिन अब पुलिसिया सोर्स मजबूत हो गये हैं. ऐसे तस्करों को चिह्नित कर कार्रवाई की योजना बन रही है.
सर्वे में हुआ खुलासा
गया के डीएम डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने बताया कि शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के कुछ जगहों पर अफीम की खेती होने की सूचना मिली है. बाराचट्टी के जंगली इलाके में अफीम की खेती हो रही है, उसका हमने सर्वे कराया है और व्यापक स्तर पर इस को नष्ट करने के साथ-साथ कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. जो भी अफीम लगाए हैं, उन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन के सहयोग से ऐसे स्थलों को चिन्हित कर अफीम को नष्ट किया जाएगा.
किसानों व महिलाओं को प्रेरित कर करवाई जा रही लेमनग्रास की खेती
डीएम ने बताया पहले बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती थी, लेकिन अब उसमें कमी आई है. लोग जागरूक हुए हैं. कुछ किसान अफीम की खेती से दूर होकर लेमन ग्रास की खेती से जुड़े हुए हैं. इससे उनकी आय भी बढ़ रही है. इस इलाके में किसानों तथा महिलाओं को प्रेरित कर अब बड़े पैमाने पर लेमनग्रास की खेती शुरू हो गई है. जिले में करीब 110 एकड़ जमीन में इसकी खेती हो रही है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
प्रथम प्रकाशित : 19 दिसंबर, 2022, 20:14 IST
[ad_2]
Source link