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रिपोर्ट-कुंदन कुमार
गया. गिरते भू-जल स्तर के कारण पानी कासंकट गहराताजा रहा है.इसे देखते हुए सरकार पानी की बचत को लेकर विभिन्न योजनाएं लाकर किसानोंको जागरूक कर रही है.अब इस जल संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से कम पानी से खेती करने की नई तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है.जिसके तहतपानी की एक-एक बूंद का खेत में प्रयोग सुनिश्चित करने के लिएड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दे रहा है.ये दोनों ही मशीनें खरीदने का किसानों के पास सुनहरा अवसर है.जिसके तहत किसान सिर्फ 10 फीसदी खर्च पर ड्रिप और स्प्रिंंकलर सिंचाई मशीनें घर ले जा सकते हैं.
किसानों को सिर्फ 10 फीसदी खर्चपर ही मिलेगी मशीन
बिहार सरकार की तरफ से किसानों को उनके खेत में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम लगवाने के लिए कुल लागत का 90 फीसदीसब्सिडी के तौर पर दिया जा रहा है. बिहार सरकार की इस योजना के मुताबिक बाकि अगर किसानों को सिर्फ 10 फीसदी खर्चपर ही ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई मशीनें उपलब्ध हो जाएंगी.इस तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को काफी लाभ होगा. इससे किसान पानी की एक-एक बूंद का इस्तेमाल अपनी खेती के लिए कर पाएंगे. इससे कम पानी में अधिक उत्पादन होगा. वहीं दूसरी बात इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी. जिससे जमीन की सेहत पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. इस तकनीक से सिंचाई करने पर पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत कम पानी का खपत होतीहै. इसके इस्तेमाल से पौधे के जड़ में प्लास्टिक पाईपों के द्वारा कम समय के अंतराल पर पानी पहुंचाया जा सकता है. इससे 40 से 50 फीसदी उत्पादन में वृद्धि होती है.
उद्यान विभाग के साइट पर आवेदन कर सकते हैं किसान
किसान इस अनुदान का लाभ उठाने के लिए उद्यान विभाग के साइट पर आवेदन कर सकते हैं. गया जिले मे अब तक इस योजना में काफी किसान आवेदन कर चुके है. अगर आप भी इस योजना के तहत सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए आप बिहार सरकार की वेबसाइटलिंकपर जाकर आवेदन कर सकते है.
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ड्रीप से खेतों की सिंचाई करने पर जलभराव की जरूरत नहीं
सहायक निदेशक उद्यान शशांक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत गया में तकरीबन 1500 किसानों ने आवेदन किया था.जिसमें 660 किसानों को ड्रीप स्प्रिंकलर के लिए चुना गया है.जिसमें 137 किसानों के खेतों मे यह काम पुरा हो चूका है. इसे लगाने से किसान 60% तक पानी की बचत कर सकते है. डीजल या मोटर पंप के माध्यम से सिंचाई करने से ज्यादा पानी की खपत होती है. जिससे किसानों की आमदनी ज्यादा लग जाती है. ड्रीप से खेतों की सिंचाई करने पर जलभराव की जरूरत नहीं होती, बल्कि बूंद-बूंद कर पानी पौधों की जड़ों तक पहुंचता है. इसमें जलाशय से पाइपलाइन को जोड़कर खेत में कई जगहों पर लगा दिया जाता है.फव्वारे के रूप में खेतों को आवश्यकता जितना पानी मिलता है.इस तरीके से खेतों की सिंचाई करने पर सरकार की ओर से सब्सिडी का भी प्लान है.खेतों में ड्रीप स्प्रिंकलर लगाने पर 90% तक अनुदान दिया जाता है.
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पहले प्रकाशित : 19 मार्च, 2023, दोपहर 2:29 बजे IST
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