Home Bihar Exclusive : एनडीए के अंदर जातीय जनगणना पर नीतीश-बीजेपी में सब सेट, ‘एक प्यादे’ के लिए बिहार में नहीं दी जाएगी सत्ता की कुर्बानी

Exclusive : एनडीए के अंदर जातीय जनगणना पर नीतीश-बीजेपी में सब सेट, ‘एक प्यादे’ के लिए बिहार में नहीं दी जाएगी सत्ता की कुर्बानी

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Exclusive : एनडीए के अंदर जातीय जनगणना पर नीतीश-बीजेपी में सब सेट, ‘एक प्यादे’ के लिए बिहार में नहीं दी जाएगी सत्ता की कुर्बानी

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पटना: नवभारत टाइम्स बिहार की टीम को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उससे ये साफ हो गया है कि बिहार में NDA सरकार को कोई खतरा नहीं है। नीतीश और बीजेपी साथ मिलकर सरकार चलाते रहेंगे। हमारे सूत्रों के मुताबिक जातीय जनगणना पर बीजेपी के साथ फंसा पेच पूरी तरह से निकल गया है। इस समझौते से एक साथ कई सवालों का जवाब देने और विपक्ष की हर रणनीति को नाकाम करने की तैयारी हो चुकी है। ये भी तय हो गया है कि राज्यसभा चुनाव में सिर्फ एक प्यादे के लिए बीजेपी सत्ता की कुर्बानी नहीं देने वाली। इस मामले में आखिरी फैसला लेने के हकदार सिर्फ और सिर्फ नीतीश ही होंगे, ये भी तय कर लिया गया है।

जातीय जनगणना पर नीतीश-बीजेपी में मामला सेट
NBT को JDU के एक विश्वस्त सूत्र ने बड़ी जानकारी दे दी है। इस सूत्र के मुताबिक बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सारा मामला क्लियर हो गया है। बिहार बीजेपी ने नीतीश के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। यानि नीतीश सरकार अपने खर्च पर बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में जातीय जनगणना कराएगी। बीजेपी इसको लेकर नीतीश के कैबिनेट में लाए जाने वाले प्रस्ताव को भी समर्थन दे चुकी है। जल्द ही कैबिनेट में ये प्रस्ताव ले आया जाएगा। माना जा रहा है कि नीतीश और बिहार बीजेपी में बने इस जिच को खत्म करने में एक राज्यसभा सांसद ने खास भूमिका अदा की है। वहीं उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के घर कल यानि 23 मई को रखे गए लंच के दौरान इस बात पर मुहर लग गई कि जातीय जनगणना पर बिहार में बीजेपी नीतीश के साथ रहेगी।
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अर्से से आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे। ऐसे में अगर नीतीश के प्रस्ताव को बीजेपी का समर्थन नहीं मिलता तो ये तय था कि नीतीश अलग रास्ते पर चलते। ऐसे में मैसेज यही जाता कि जातीय जगणना कराने को लेकर नीतीश के साथ लालू और तेजस्वी ने बड़ी भूमिका निभाई। लेकिन अब इस मैसेज के मायने पूरी तरह से बदल जाएंगे। मैसेज ये दिया जाएगा कि जो बीजेपी देश भर में जातीय जनगणना को नकार चुकी है वो बिहार में इसके लिए तैयार है। साथ ही मैसेज ये भी कि ये सबकुछ नीतीश और बिहार बीजेपी ने तय किया है और इसमें विपक्ष यानि RJD और खासतौर पर लालू-तेजस्वी का कोई रोल नहीं है। इससे बीजेपी लालू के खिलाफ ये संदेश देने में कामयाब रह सकती है कि वो बिहार की सत्ता में साथ है इसलिए असंभव भी संभव है।
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अब आरसीपी सिंह का क्या होगा?
राज्यसभा चुनाव में आरसीपी सिंह को लेकर भी चर्चा तेज है। अफवाह तो यहां तक उड़ी कि अगर नीतीश आरसीपी को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजते तो उन्हें बीजेपी से मदद मिलेगी। लेकिन अब इस संभावना पर भी पूर्ण विराम लग गया है। NBT को विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि एक प्यादे के लिए बीजेपी बिहार में सत्ता की कुर्बानी नहीं देगी। हालांकि अभी तक नीतीश ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन बीजेपी ने ये तय कर लिया है कि आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट देने या न देने का मामला जेडीयू का अंदरुनी मसला है और इसमें बीजेपी आखिर तक पूरी तरह से तटस्थ रहेगी। यानि जो नीतीश का फैसला होगा वो NDA गठबंधन के लिए सर्वमान्य होगा।
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आगे क्या होगा?
सूत्रों के मुताबिक अगर बिहार में बीजेपी जातीय जनगणना पर साथ आती है तो इसके बाद कई और राज्यों में भी इसको लेकर मांग उठ सकती है कि अगर बिहार में ये संभव है तो बाकी राज्यों में क्यों नहीं? हालांकि अभी इस संभावना पर कोई चर्चा नहीं चल रही। चर्चा इसी बात पर थी कि नीतीश की जातीय जनगणना के मांग पर बीजेपी क्या करेगी? अब सूत्रों के हिसाब से इस चर्चा पर भी विराम लग गया है। यानि बिहार में 2024 तक JDU-BJP-HAM के NDA को बनाए रखने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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