Home Bihar EWS Quota: नीतीश कुमार ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, जाति आधारित जनगणना की मांग दोहराई

EWS Quota: नीतीश कुमार ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, जाति आधारित जनगणना की मांग दोहराई

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EWS Quota: नीतीश कुमार ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, जाति आधारित जनगणना की मांग दोहराई

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बिहार सीएम नीतीश कुमार

बिहार सीएम नीतीश कुमार
– फोटो : सोशल मीडिया।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईडब्ल्यूएस कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक बढ़ाई जाए। नीतीश ने कहा कि हम जाति आधारित जनगणना की मांग करते हैं। हमने पहले ही राज्य में जाति आधारित जनगणना शुरू कर दी है। इससे लोगों के आर्थिक स्थिति के बारे में पता चलेगा और इससे हम लोगों के लिए बेहतर योजनाएं बना सकेंगे।

नीतीश की मांग, आरक्षण सीमा 50 फीसदी से बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में  एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ज्ञान भवन पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया कर्मियों ने सीएम से ईडब्ल्यूएस कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सवाल किया था। इस पर नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार गरीबों की स्थिति में सुधार के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से ही ये बात कह रहे हैं। इसीलिए राज्य में जाति आधारित जनगणना कराई जा रही है। केंद्र सरकार से इसकी मांग की तो राज्य से अपने खर्च पर कराने को कहा गया, इसलिए हम करवा रहे हैं। नीतीश ने आरक्षण सीमा को बढ़ाने की वकालत की। सीएम ने कहा कि आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से आगे बढ़ाया जाए तो बहुत अच्छा होगा। इससे ज्यादा से ज्यादा जनता को कवर किया जाएगा।

नीतीश ने कहा कि इस जनगणना में सभी जाति-बिरादरी के परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन भी किया जा रहा है। इसका मकसद यही है कि सही स्थिति का पता चलने पर उनकी मदद की जा सके। नीतीश कुमार ने ईडब्ल्यूएस के तहत सवर्ण जाति के गरीब परिवारों को 10 फीसदी आरक्षण के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ग और हर जाति में गरीब लोग हैं। उन्हें जरूरी सहायता पहुंचाना सरकार का काम है। यह काम बिहार में किया जा रहा है। इसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईडब्ल्यूएस कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक बढ़ाई जाए। नीतीश ने कहा कि हम जाति आधारित जनगणना की मांग करते हैं। हमने पहले ही राज्य में जाति आधारित जनगणना शुरू कर दी है। इससे लोगों के आर्थिक स्थिति के बारे में पता चलेगा और इससे हम लोगों के लिए बेहतर योजनाएं बना सकेंगे।

नीतीश की मांग, आरक्षण सीमा 50 फीसदी से बढ़ाई जाए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में  एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ज्ञान भवन पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया कर्मियों ने सीएम से ईडब्ल्यूएस कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सवाल किया था। इस पर नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार गरीबों की स्थिति में सुधार के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से ही ये बात कह रहे हैं। इसीलिए राज्य में जाति आधारित जनगणना कराई जा रही है। केंद्र सरकार से इसकी मांग की तो राज्य से अपने खर्च पर कराने को कहा गया, इसलिए हम करवा रहे हैं। नीतीश ने आरक्षण सीमा को बढ़ाने की वकालत की। सीएम ने कहा कि आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से आगे बढ़ाया जाए तो बहुत अच्छा होगा। इससे ज्यादा से ज्यादा जनता को कवर किया जाएगा।

नीतीश ने कहा कि इस जनगणना में सभी जाति-बिरादरी के परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन भी किया जा रहा है। इसका मकसद यही है कि सही स्थिति का पता चलने पर उनकी मदद की जा सके। नीतीश कुमार ने ईडब्ल्यूएस के तहत सवर्ण जाति के गरीब परिवारों को 10 फीसदी आरक्षण के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ग और हर जाति में गरीब लोग हैं। उन्हें जरूरी सहायता पहुंचाना सरकार का काम है। यह काम बिहार में किया जा रहा है। इसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए।



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