Home Bihar Cucumber Farming: खीरे की खेती कर चौगुना मुनाफा कमा रहा बक्सर का यह किसान, ये बीज दे रहे बंपर उत्पादन

Cucumber Farming: खीरे की खेती कर चौगुना मुनाफा कमा रहा बक्सर का यह किसान, ये बीज दे रहे बंपर उत्पादन

0
Cucumber Farming: खीरे की खेती कर चौगुना मुनाफा कमा रहा बक्सर का यह किसान, ये बीज दे रहे बंपर उत्पादन

[ad_1]

रिपोर्ट- गुलशन सिंह

बक्सर. जिले के किसान अब आधुनिक तकनीक से खेती शुरू कर न केवल अपना आर्थिक विकास कर रहे हैं, बल्कि नए किसानों को भी पारंपरिक खेती की जगह तकनीकी खेती शुरू करने की प्रेरणा दे रहे हैं. किसान अब ऑफ सीजन की फसलों की खेती कर आमदनी को बढ़ाने में लगे हुए हैं. ऐसे ही एक किसान डुमरांव प्रखंड के नया भोजपुर गांव निवासी आशुतोष पांडेय उर्फ मुना पांडेय हैं, जो इस बार बड़े पैमाने पर खीरे खेती की कर मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही इलाके के अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं.

ऑफ सीजन की खेती में होता है अच्छा मुनाफा

आशुतोष पांडेय गांव में रहकर कई प्रकार की फसलों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. इस बार भी अपने खेतों में खीरा की खेती कर रहे हैं. जिसको बेचकर महज कुछ दिनों में ही लागत से चौगुना मुनाफा कमा लिया है. इस संबंध में जब किसान आशुतोष पांडेय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मौसमी खेती के अलावा ऑफ सीजन फसल भी उगाते हैं. उन्होंने बताया कि गर्मी में बिकने वाले गरमा खीरा की खेती फरवरी में की थी. एक माह बाद यानी मार्च में पौधे ने फल देने शुरू कर दिए, जो अब तक जारी हैं.

सीजेंटा-116 बीज कम समय में देने लगता है बड़े साइज का फल

किसान आशुतोष पांडेय ने बताया कि खेत में इस बार सीजेंटा-116 नामक खीरे के बीज को लगाया है. इसकी खासियत यह है कि यह कम दिनों में बड़े साइज का फल देता है. जिससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. किसान ने बताया कि इसके पटवन के लिए खेतों में ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की है. वहीं कीड़े मकोड़े से फसल को बचाने के लिए कीटनाशक दवा का एक बार शुरू में ही छिड़काव किया था. उसके बाद से फसल में कोई दिक्कत नहीं हुई. किसान ने बताया कि ऑफ सीजन फसल के कारण उन्हें इसका रेट भी अच्छा मिल जा रहा है.

किसानों को देते हैं मुफ्त में प्रशिक्षण


किसान आशुतोष पांडेय ने बताया कि 22 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से अपने खेत पर ही खीरे की बिक्री व्यापारियों को कर देते हैं. खीरे की खेती करने में 15 हजार रुपए प्रति एकड़ लागत आई है, जबकि मुनाफा 80 हजार तक हो रही है. उन्होंने बताया कि कई किसान उनके पास तकनीकी खेती की जानकारी लेने के लिए आते हैं. उन किसानों को मुफ्त में प्रशिक्षण देकर उचित सलाह दी जाती है. उन्होंने बताया कि इसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहा है. किसान उनके खेत पर आकर ट्रेनिंग लेने के बाद आज तकनीकी खेती कर खुद का आर्थिक विकास कर रहे हैं.

टैग: बिहार के समाचार, बक्सर न्यूज, ताज़ा हिन्दी समाचार

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here