Home Bihar CM नीतीश ने इतिहास पर BJP के रूख का नहीं किया समर्थन, कहा- इसे कैसे बदल सकते हैं?

CM नीतीश ने इतिहास पर BJP के रूख का नहीं किया समर्थन, कहा- इसे कैसे बदल सकते हैं?

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CM नीतीश ने इतिहास पर BJP के रूख का नहीं किया समर्थन, कहा- इसे कैसे बदल सकते हैं?

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पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहयोगी बीजेपी के इस रुख का समर्थन नहीं किया कि मुस्लिम आक्रमणकारियों के बजाय मुस्लिम आक्रमण का विरोध करने वाले हिंदू राजाओं पर अधिक जोर देते हुए इतिहास को पुन: लिखा जाना चाहिए. दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक चिकित्सकीय पेशेवर की पुस्तक के विमोचन के दौरान इतिहास में बदलाव को लेकर हाल में एक बयान देकर खास कर अकादमिक सत्र (Academic Session) में एक बहस शुरू कर दी है. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आप इतिहास कैसे बदल सकते हैं? क्या ऐसा करना संभव है? जो मौलिक इतिहास है उसे कोई कैसे बदल सकता है.

सोमवार को पटना में जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही. बता दें कि बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने पिछले वर्ष सुझाव दिया था कि राजधानी पटना के बाहरी इलाके में स्थित बख्तियारपुर शहर का नाम नीतीश कुमार के नाम पर रखा जाए. बख्तियारपुर नीतीश कुमार का जन्मस्थान है. सीएम नीतीश ने इस सुझाव को ‘फालतू बात’ बताते हुए खारिज कर दिया था.

उत्तर प्रदेश के रहने वाले नाटककार दया प्रकाश सिन्हा द्वारा सम्राट अशोक और मुगल बादशाह औरंगजेब का एक समानांतर चित्रण किए जाने के खिलाफ जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने एक निरंतर अभियान चलाया था, जिसमें सिन्हा के बीजेपी से संबंध होने का आरोप लगाया गया था और उन्हें दिए गए साहित्यिक सम्मान को वापस लेने की मांग की गई थी. सिन्हा को इस साल साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है.

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दया प्रकाश सिन्हा के पार्टी से जुड़े होने के दावों को झूठा बताते हुए सम्राट अशोक के बारे में की गयी उनकी टिप्पणी को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद प्रतीत हुआ था कि इस बात को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच विवाद को विराम लग गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के हालिया रुख से पता चलता है कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन भले ही अपने चौथे दशक में प्रवेश कर रहा हो, लेकिन वैचारिक मतभेद पूर्व की भांति ही कायम है. (भाषा से इनपुट)

टैग: Amit shah, बिहार के समाचार हिंदी में, बिहार की राजनीति, सीएम नीतीश कुमार

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