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चिराग ने कहा कि ‘मेरे पिता के साथ ऐसा व्यवहार उन्हीं लोगों ने किया, जिन्होंने मेरे चाचा को केंद्रीय मंत्री बनाया था। यहां तक कि विपक्ष के लोगों ने भी बेदखली के तरीके पर सहानुभूति जताने के लिए मुझे फोन किया। लेकिन मेरे चाचा, जो मेरे पिता को अपना भगवान कहते हैं, ने कुछ नहीं कहा। इससे मुझे और पीड़ा हुई।’ चिराग ने आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को उनके कठिन समय के दौरान करुणा दिखाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा।
एक दिन पहले वायरल हुए एक ऑडियो के बारे में बात करते हुए चिराग ने कहा कि वह अतीत में अपनी सार्वजनिक बातचीत के दौरान भी यही बात कहते रहे हैं। ऑडियो में चिराग को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि किसी को अपने पिता के प्रति किए गए अपमान को याद रखना चाहिए और कैसे उनके चाचा इस पर चुप रहे, जबकि तेजस्वी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाया।
श्याम रजक की चिराग से मुलाकात के मायने?
दिलचस्प बात यह है कि आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बेदखली की घटना पर सहानुभूति व्यक्त करने के लिए पटना में चिराग से मुलाकात की। इसक बाज रजक ने कहा कि ‘रामविलास जी की तस्वीर सड़क किनारे फेंक दी गई और बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ा गया। इससे मनुवादियों का असली चेहरा सामने आ गया। रामविलास जी एक बड़े दलित नेता थे और हम उनके स्मारक के रूप में 12, जनपथ बंगला चाहते थे।’
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