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विशाल कुमार/छपरा. बिहार में छपरा के रिविलगंज प्रखंड क्षेत्र के गोदना स्थित गढ़देवी माई का मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. यहां गढ़ देवी माई की पिंडीय स्वरूपों की पूजा श्रद्धालुओं के द्वारा पूरे विधि-विधान से की जाती है. यहां पौराणिक काल से मां की पिंडीय स्वरूप की पूजा-अर्चना होती चली आ रही है. कहा जाता है कि मां की अद्भुत पिंडीय स्वरूप के दर्शन करने एवं पूजा करने से भक्तों को अलौकिक शक्तियों का एहसास होता है.
धार्मिक आस्था वाले लोगों की भीड़ यहां पूरे वर्ष रहता है. चैत्र नवरात्र व शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक मां के दरबार में काफी भीड़ रहती है. गढ़देवी माई मंदिर में दर्शन और पूजा-पाठ एवं इससे जुड़ी महानता को लेकर कई धार्मिक कहानियां भी प्रचलित हैं.
1956 में मंदिर के वजूद में आने की मिलती है जानकारी
यहां की पुजारी ऊषा देवी ने बताया कि हजारों वर्ष पहले जंगल काट कर किसान के द्वारा मिट्टी खुदाई की जा रही थी. इस दौरान मां की पिंडी स्वरूप का दर्शन हुआ था. उसी समय से मां की पिंडीय स्वरूप की पूजा-अर्चना होते आ रही है. अब मां के नवपिंडी स्वरूप भव्य मंदिर का आकार ले चुका है जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. शिलापट पर उकेरी गई अक्षर के अनुसार वर्ष 1956 से मंदिर के वजूद में आने की जानकारी मिलती है.
मान्यता है कि गढ़ देवी माई के दरबार में हाजिारी लगाने से नि:संतान दपति को संतान की प्राप्ति होती है. श्रद्धालु अमित कुमार ने बताया कि मां की पिंडी स्वरूप के दर्शन मात्र से भक्तों के मन में अलग प्रकार की शक्तियां जागृत होती है. यहां नव पिंडीय स्वरूपों के दर्शन मात्र से बिगड़े काम आसानी से बन जाते हैं.
गढ़ देवी माई भक्तों की हर मनोकामना को करती है पूर्ण
पुजारी ऊषा देवी ने बताया कि मां की कृपा सभी पर बनी रहती है. गढ़ देवी माई मंदिर की सेवा उनके पूर्वज किया करते थे. उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की खुशी देख कर अपनी खुशी दोगुनी हो जाती है. सच्चे मन से मांगी गई सभी मनोकामना मां पूरी करती हैं. कोई भी भक्त खाली हाथ गढ़ देवी माई के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता है.
मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु गढ़ देवी माई को प्रसाद, चुनरी सहित श्रृंगार प्रसाधन चढ़ाते हैं. वहीं, श्रद्धालु लीलावती देवी, अमित प्रसाद, लकी श्रीवास्तव सहित अन्य ने बताया कि मां बड़ी कृपालु है. इनके शरण में रहने वाले को कभी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है.
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पहले प्रकाशित : 24 अप्रैल, 2023, 09:29 पूर्वाह्न IST
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