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बिहार में फर्जी डॉक्यूमेंट का धंधा किसी से छिपी नहीं है। अब तो रबर का फिंगर बनाकर जालसाजी को अंजाम दिया जा रहा है। छपरा में इस तरह के मामले का खुलासा हुआ। फर्जीवाड़े के लिए यहां रबर की डुप्लीकेट उंगली का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके लिए बजाप्ता एक दुकान खोली गई थी, जहां इस तरह का काम किया जा रहा था।
रबर फिंगरप्रिंट जालसाजी
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से रबर की उंगली, लैपटॉप, स्कैनर, आईरिश सहित कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया। जनता बाजार के रिहाइशी इलाके में एक प्राइवेट मकान के तीसरे फ्लोर पर ये आधार सेंटर चल रहा था। पुलिस को शिकायत मिली थी कि फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे यहां पर आधार कार्ड बना दिया जाता है।
आधार कार्ड में होती थी हेरफेर
लोगों ने पुलिस को बताया की फर्जी तरीके से आधार बनाने या उसमें जन्मतिथि में हेरफेर के लिए एक कस्टमर से 20-25 हजार रुपए लिए जाते हैं। आधार सेंटर से कई लोगों के फिंगर की छाप वाली रबड़ की बनाई हुई कृत्रिम फिंगर मिली। अनुमान है कि कंप्यूटर सिस्टम को खोलने के लिए दूसरे लोगों के यूजर आईडी पासवर्ड लॉगिन करने के बाद बायोमेट्रिक के जगह पर इन कृत्रिम फिंगर का उपयोग किया जाता था।
पहले भी पकड़ा गया रैकेट
इसके पहले भी बीएसएनएल के कस्टमर केयर सेंटर पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खुलासा हो चुका है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस को आशंका है कि एक बड़ा रैकेट है, जो आधार कार्ड समेत तमाम फर्जी दस्तावेज तैयार करने का काम कर रहा है। एसपी गौरव मंगला ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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