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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार के कारोबारी माहौल में काफी सुधार हुआ है और राज्य को उद्योग जगत से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। नीतीश कुमार ने निवेशक सम्मेलन (इन्वेस्टर्स मीट) सह बिहार कपड़ा एवं चमड़ा नीति – 2022 का लोकार्पण करते हुए कहा कि नई नीति से बिहार में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि राज्य जल्द ही देश का एक प्रमुख टेक्सटाइल हब बन जाएगा।
पूंजीगत निवेश पर लागत का 15 प्रतिशत अनुदान मिलेगा
पटना के अधिवेशन भवन में उन्होंने निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आने वाले वर्षों में बिहार निवेशकों की पहली पसंद बने। हम कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जो निवेशकों को बड़े पैमाने पर आकर्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत संयंत्र एवं मशीनरी के लिए पूंजीगत निवेश पर लागत का 15 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक होगा।
बिजली शुल्क पर अनुदान दो रुपये प्रति यूनिट
इसके अलावा बिजली शुल्क का अनुदान दो रुपये प्रति यूनिट करने का निर्णय किया गया है। उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों को 5,000 रुपये प्रति माह की दर से पांच वर्षों के लिए अनुदान दिया जायेगा। निर्यात के लिए संबंधित इकाइयों को 30 प्रतिशत परिवहन सब्सिडी दी जायेगी।
माल ढुलाई पर 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष अनुदान
उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत पांच साल तक माल ढुलाई पर 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष अनुदान दिया जायेगा। अपने उत्पाद का पेटेंट कराने पर रजिस्ट्रेशन खर्च का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा, जो अधिकतम 10 लाख रुपये होगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार में तेजी से औद्योगिक विकास होगा। इस मौके पर उन्होंने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के काम की तारीफ भी की। नीतीश ने कहा, “बिहार का गौरवशाली अतीत रहा है। इसे फिर से प्राप्त करने के लिए सभी मिलकर काम करें। बिहार को और आगे बढ़ाने में आप सभी मदद कीजिए।”
हमारा मकसद लोगों को राज्य में ही काम मिले: नीतीश कुमार
उन्होंने कहा, “हमलोग निवेशकों का पूरी तरह साथ देंगे और उनकी मदद करेंगे। सभी निवेशकों को भरोसा दिलाते हैं कि उद्योग लगाने में हर संभव मदद दी जायेगी और आपलोग जो सुझाव देंगे, उस पर विचार करेंगे। जमीन उपलब्ध कराने से लेकर पूंजी संबंधी मदद भी की जाएगी, ताकि बिहार में तेजी से उद्योग लग सके और लोगों को यहीं पर काम मिले।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में अनुसूचित जाति / जनजाति के लोगों को उद्योग लगाने में मदद के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता और पांच लाख रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया था। बाद में अतिपिछड़े वर्ग को और किसी भी समाज की महिलाओं को भी यह सुविधा दी जाने लगी। उन्होंने कहा कि बिहार में इथेनॉल के 17 संयंत्रों को मंजूरी मिल गई है।
सभा को संबोधित करते हुए बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य की नई कपड़ा और चमड़ा नीति निवेशकों के अनुकूल है।उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि पूरे देश में कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र के लोग बिहार में निवेश करना चाहते हैं। राज्य जल्द ही देश का एक प्रमुख टेक्सटाइल हब बन जाएगा। हम अपने आकर्षक प्रस्तावों के साथ इन क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करेंगे।”
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