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नीतीश कुमार ने कहा कि कुल मिलाकर बजट से बिहार के आर्थिक विकास में कुछ लाभ मिलता प्रतीत नहीं हो रहा । इससे पूर्व बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने एक बार फिर बिहार की जनता को धोखा दिया है।
राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया: सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत (4 प्रतिशत एवं 0.5 प्रतिशत सशर्त) तक रखने का आग्रह किया था, जो पिछड़े राज्यों के विकास में और नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह केंद्र सरकार की पहले से चल रही योजनाओं की केवल ‘पुन: पैकेजिंग’ है।
सप्तऋषि के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं: नीतीश
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार 2016 से ही सात निश्चय-1 और वर्ष 2021 से सात निश्चय-2 के अन्तर्गत नई योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय आम बजट में बिहार सरकार की सात निश्चय योजनाओं की तर्ज पर ही सात प्राथमिकताएं (सप्तऋषि) निर्धारित की गई हैं। लेकिन इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं किया गया है।
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