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न्यायमूर्ति पीबी बजंथरी की एकल पीठ ने संगीता कुमारी की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए , बीपीएससी को लगभग 1000 उम्मीदवारों के परीक्षक और मुख्य परीक्षक की ओर से तैयार की गई मूल मार्कशीट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिन्होंने मुख्य परीक्षा के सभी चार पेपर लिखे थे। BPSC को इसके लिए 22 मार्च तक का वक्त दिया गया है। याचिकाकर्ता जो उत्तीर्ण नहीं हो सके, उन्होंने राज्य सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के परिणाम को रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने अपने मार्क्स स्टेटमेंट से कथित छेड़छाड़ की विजिलेंस जांच कराने की भी अदालत से प्रार्थना की है।
आंसर शीट में छेड़छाड़ का आरोप
याचिकाकर्ता के वकील हर्ष सिंह के मुताबिक उनके मुवक्किल के कई उत्तरों को ओवरराइट करके प्राप्त मूल अंकों में कमी की गई। उनके सामान्य अध्ययन विषय की उत्तर पुस्तिका में ये प्रकट होता है। याचिकाकर्ता ने ये जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत बीपीएससी से मांगी थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसके मूल अंकों ने उसे सफल बनाया होगा क्योंकि वे कटऑफ अंक से ऊपर थे। हालांकि, ओवरराइटिंग में 5 अंक कम हो गए, जो ठीक उसी तरह है जिससे वो कटऑफ को पार न कर पाए। उनका आरोप है कि जानबूझकर ऐसा किया गया। याचिकाकर्ता संगीता के वकील ने बाद में टाइम्स न्यूज नेटवर्क को बताया कि बीपीएससी को 1,000 उम्मीदवारों की 4,000 उत्तर पुस्तिकाएं तैयार करनी हैं।
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