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एक अधिकारी ने बुधवार को फैसले के बाद बताया कि जाहिदुल इस्लाम को आईपीसी की धारा 121ए, 122, 123, 471, यूए (पी) अधिनियम की धारा 16, 18, 18बी और 20, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 और विदेशी अधिनियम की 14 के तहत दोषी ठहराया गया। कोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई के दौरान फैसला सुनाएगी और सजा तय करेगी।
पहले भी 8 JMB आतंकियों को सुनाई गई थी सजा
इससे पहले, आठ जेएमबी आतंकवादियों को दिसंबर 2021 में एक ही एनआईए कोर्ट से सजा सुनाई गई थी। अदालत ने तीन आतंकवादियों- पी.शेख, अहमद अली और नूर आलम मोमिन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अन्य पांच आतंकवादियों आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान उर्फ शाहीन और आरिफ हुसैन को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
3 IED लगाने के मामले में दोषी करार
एनआईए ने 3 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था। पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाया गया था और इसे डिफ्यूज करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था। दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए थे। एनआईए की ओर से हुई जांच में पाया गया कि दिग्गजों के दौरे से पहले दोषी करार दिए गए आतंकियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी।
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जानिए बोधगया ब्लास्ट केस में कब दायर हुई चार्जशीट
जेएमबी के आतंकवादियों ने एक-दूसरे से संपर्क किया, एक साथ यात्रा की, साजिश रची और विस्फोटक खरीदे। बोधगया मंदिर परिसर में इन तीनों आईईडी को लगाया। साल 2018 में तीन गिरफ्तार आरोपियों – पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। बाद में 2019 में 6 और व्यक्तियों – आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था।
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