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सहनी ने मारी तेजस्वी के किले में सेंध
जब तेजस्वी ने सहनी के मजबूत कैंडिडेट अमर पासवान को अपने पाले में कर बोचहा उपचुनाव 2022 के लिए आरजेडी का सिंबल दे दिया तो सियासी गलियारे में हलचल मच गई। लोगों को लगा कि सन ऑफ मल्लाह की नाव तो डूब गई। लेकिन थोड़ी ही देर में सहनी ने अपनी बोट पर कंट्रोल हासिल किया और आरजेडी के नेता सह पूर्व मंत्री रमई राम को उनकी बेटी गीता देवी समेत VIP में शामिल करा दिया। साथ ही गीता देवी को सहनी ने बोचहा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।
बीजेपी और आरजेडी पर बुरी तरह बिफरे सहनी
मुकेश सहनी ने अपने पार्टी के कैंडिडेट की घोषणा करते हुए कहा कि ‘हम एनडीए के साथ हैं लेकिन मुझे बेइज्जत किया गया है इसलिए हम एनडीए के खिलाफ अपना कैंडिडेट उतार रहे हैं।’ मुकेश सहनी ने आगे कहा कि ‘ बीजेपी दूसरे के घर में घुस रही है।’ इसके बाद लगे हाथ मुकेश सहनी ने अमर पासवान को आरजेडी के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए बधाई भी दे दी। मतलब साफ है कि मुकेश सहनी का मन अब NDA से बदलता दिख रहा है।
इससे पहले तेजस्वी ने दिया सहनी को जोर का झटका
इस सियासी सोमवार की पहली झलक तब मिली जब दोपहर में अचानक VIP अमर पासवान पाला बदलकर RJD के पटना दफ्तर आ पहुंचे और सैंकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ले ली। आरजेडी ने लगे हाथ उन्हें बोचहा विधानसभा सीट के लिए सिंबल भी दे दिया। आखिर हाथ में आया मौका भी कोई चूकता है क्या और वो भी लालू यादव की पार्टी।
मजबूत कैंडिडेट का मतलब समझिए
NBT यूं ही अमर पासवान को मजबूत कैंडिडेट नहीं कह रहा। इसके पीछे बड़ी वजह है, जिसमें दो फैक्टर हैं। पहला सहानुभूति की लहर और दूसरा विरासती वोट बैंक। दरअसल इस सीट पर 2020 में अमर पासवान के पिता मुसाफिर पासवान ने चुनाव जीता था। वो VIP के टिकट पर लड़े थे और आरजेडी से ताल ठोक रहे रमई राम को एक दो हजार नहीं बल्कि 11,268 वोटों से चुनाव हराया था। लेकिन बीच में ही उनका निधन हो गया, जाहिर है बोचहा में एक तबके की सहानुभूति अमर पासवान के साथ है, साथ में पिता से विरासत में मिला वोट बैंक भी।
रमई को भी हल्के में मत लीजिए
दरअसल रमई राम इस विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी के टिकट पर बेटी गीता को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर तेजस्वी ने अलग चाल चल दी। ऐसे में नाराज रमई ने बेटी के साथ वीआईपी का दामन थाम लिया। बात अगर गीता देवी की करें तो उनके पिता भी हल्के में लेने वाली चीज नहीं हैं। रमई राम सियासत के पुराने चावल हैं। जाहिर है कि वो भी किसी दम पर ही बेटी को मैदान में खड़ा कर रहे हैं।
बोचहा सीट पर मुकाबला होगा मजेदार
अब बोचहा विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला गजब का हो गया है। यूं कहिए कि त्रिकोणीय, यहां बीजेपी ने बेबी कुमारी को उम्मीदवार बनाया है, वही बेबी जिन्हें जब 2015 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था तो बेबी निर्दलीय ही मैदान में उतर गई थीं। महागठबंधन की लहर के बावजूद बेबी ने उसके कैंडिडेट रमई राम को हरा दिया। ऐसे में उनकी दावेदारी भी काफी कड़ी है। यूं मान लीजिए कि तीनों कैंडिडेट किसी से कम नहीं हैं। सबके पास अपनी-अपनी ताकत है, जिसका नजारा वोटिंग में नहीं बल्कि काउंटिंग में दिखेगा।
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