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रिपोर्ट-कुंदन कुमार
गया. काला आलू (Black Potato) अपना जादू दिखा रहा है. इसके जादू से किसान का चेहरा भी खिल उठा है. गया के एक किसान आशीष कुमार सिंह ने 14 किलो बीज के साथ इसकी खेती शुरू की थी जिसकी पहली फसल अब आ गई है.
किसान आशीष ने टिकारी प्रखंड के गुलरियाचक गांव में ब्लैक पोटाटो की खेती की थी. 10 नवंबर को आशीष ने बीज लगाया था और 120 दिन के बाद 13 मार्च को इसकी हार्वेस्टिंग की गई.
14 किलो बीज के साथ खेती की गई थी, जिसमें तकरीबन 120 किलो आलू का उत्पादन हुआ है. आमतौर पर काला आलू की खेती अमेरिका के पर्वतीय क्षेत्र एंडीज शहर में होती है, लेकिन इसकी खेती इस बार बिहार के गया में भी ट्रायल के तौर पर की गई.
आपके शहर से (पटना)
बाजार में बढ़ी डिमांड
काला आलू में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिस कारण बाजारों में इसकी डिमांड बढ़ गई है. फसल लगाने के साथ ही आशीष को बिहार तथा दूसरे राज्यों से कई किसानों ने संपर्क कर काला आलू का डिमांड किया था. उनके पास तकरीबन 200 किलो आलू की डिमांड आई थी, लेकिन उतना प्रोडक्शन नहीं होने के कारण किसानों को कुछ आलू बीज के तौर पर आशीष देने की तैयारी कर रहे हैं.
बता दें कि किसान आशीष ने अमेरिका से काला आलू का बीज मंगाया था जिस पर 1500 रुपया प्रति किलो का खर्च आया था. इ सके बाद आशीष ने तकरीबन 1 कट्ठा जमीन में इसकी खेती की. शुरुआती दिनों में इसकी उपज बेहतर थी, लेकिन बीच में खराब मौसम हो जाने के कारण बेहतर उपज नहीं हो सकी. उम्मीद थी कि 14 किलो बीज से करीब 200 किलो आलू का उत्पादन होगा.
300-500 रुपये किलो रेट
न्यूज 18 लोकल से बात करते हुए आशीष ने बताया कि अगले साल वृहद पैमाने पर इसकी खेती की जाएगी. इस बार ट्रायल के तौर पर 14 किलो आलू लगाया था. जिसमें 1 क्विंटल 20 किलो आलू का उपज हुआ है. किसान आशीष ने कहा कि वो 300 से 500 रुपया प्रति किलो के हिसाब से इसे बेचेंगे. आशीष इस आलू को अपने आसपास व बिहार के अन्य किसानों को ही ये आलू देंगे ताकि यहां इसकी खेती को बढ़ावा मिल सके. हालांकि, इसकी डिमांड पंजाब व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के किसानों से भी आ रही है.
आम आलू की तुलना में ब्लैक पोटैटो की फसल 20 दिन अधिक समय लेती है. आशीष बताते हैं कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) से आलू की माप होती है, जो 0-100 तक होता है. अगर आलू का जीआई 70 से अधिक होता है, तो उसे उच्च क्वालिटी का माना जाता है. तुलनात्मक अध्ययन में ब्लैक पोटैटो का जीआई 77 पाया गया है. जबकि पीले आलू का जीआई 88 और सफेद आलू का जीआई 93 होता है. काला बैंगनी आलू विशेष रूप से एंथोसायनिन नामक पालीफेनोल एन्टीआक्सीडेंट से भरपूर होते हैं.
यूट्यूब से आया आइडिया
आशीष बताते हैं कि वह हमेशा आर्टिकल पढ़ते हैं और यूट्यूब पर भी विभिन्न चीजों को देखते रहते हैं. इसी क्रम में उन्होंने काला आलू की खेती देखी थी. इसमें बताया गया था कि काले आलू की खेती भारत में नहीं के बराबर होती है. हिमाचल प्रदेश में इक्के दुक्के स्थानों पर इसकी खेती होती है .यूट्यूब में काला आलू की पौष्टिकता और उसके फायदे बताए गए थे. इसके बाद उनके दिमाग में काला आलू की खेती करने का आइडिया आया और उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की. इसके बाद अमेरिका से 14 किलो काला आलू के बीज मंगाए और उसकी फसल खेत में लगा दी गई.
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पहले प्रकाशित : 13 मार्च, 2023, शाम 6:45 बजे IST
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