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कटहरी ग्राम नगर पालिका-7 के पद्याधी बहुउद्देशीय कृषि फार्म में दो हजार बॉयलरों में से सात सौ मुर्गियों की मृत्यु के बाद नमूने एकत्र करके उनका परीक्षण किया गया। नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद शेष मुर्गियों को नष्ट करने के लिए तकनीकी टीम को लगाया गया है। इसी तरह ग्रामथन गांवपालिका-1 के श्रीगणेश कृषि फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर 1,020 मुर्गियों को नष्ट करने का निर्णय लिया गया है। गणेश साह की ओर से संचालित गणेश फार्म में कुछ दिन पहले दो सौ मुर्गियों की मौत हो गई थी।
45 दिनों के लिए फार्म सील
मोरंग के मुख्य जिला अधिकारी काशीराज दहल ने बताया कि सोमवार को मृत मुर्गियों की बर्ड फ्लू की जांच कराकर नष्ट करने का निर्णय लिया गया है। वहीं पशु चिकित्सा अस्पताल विराटनगर के डॉ. सुशील कुमार अधिकारी ने बताया कि जिन फार्मों में बर्ड फ्लू फैला है, वहां बर्ड फ्लू को नष्ट करने के लिए तकनीकी टीम लगाई गई है। इसी तरह गत शुक्रवार को ग्रामथान-1 के खुनियाकट्टा स्थित काव्या कृषि फार्म में साढ़े तीन हजार मुर्गियां और चूजे मरे हैं और वहां से भी नमूने एकत्र कर पशु चिकित्सा प्रयोगशाला में भेजे गए। नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद, इसे काठमांडू में केंद्रीय पशुधन अनुसंधान प्रयोगशाला में पुन: परीक्षण के लिए भेजा गया, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद डेढ़ हजार से अधिक मुर्गियां, बीस कार्टून अंडे, नौ सौ किलो अनाज और अंडे के चालीस बंडल नष्ट किये गए। गांव के पशु चिकित्सा तकनीशियन जोनल राज नेपाल के अनुसार, बर्ड फ्लू से संक्रमित फार्मों की सफाई कर 45 दिनों के लिए उन्हें सील कर दिया गया है।
कबूतरों के सैंपल में भी वर्ड फ्लू की पुष्टि
बूढ़ीगंगा गांवपालिका-5 के रास एग्रोवेट फार्म में कबूतरों के सैंपल मरने के बाद लिए गए, उनमें बर्ड फ्लू का पता चला है। जिले के कुछ फार्मों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद जिला बर्ड फ्लू नियंत्रण समिति की बैठक में फार्मों की निगरानी के लिए सभी स्थानीय स्तर पर पत्र लिखा गया है। मुख्य जिला अधिकारी दहल ने कहा कि पड़ोसी जिलों में भी समन्वय चल रहा है। मामले को लेकर मुख्य जिला अधिकारी की अध्यक्षता में पशुपालन और कृषि विभाग की बैठक हुई है।
वर्ड फ्लू से नेपाल से सटे अररिया जिले में हड़कंप
अररिया से सटे नेपाल के मोरंग जिला में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद भारतीय इलाकों में भी हड़कम्प मच गया है। अररिया के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म हैं और किसानों के आजीविका का प्रमुख साधन है। पोल्ट्री फार्म संचालक सुरेश साह ने बताया कि जिस तरह से भारत के कई राज्य समेत के मामले सामने आए हैं, वह चिंता की बात है और शीघ्र नियंत्रण नहीं किया तो नेपाल के बाद सीमाई इलाके के भी पोल्ट्री फार्म संचालक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना की मार और सर्द शीतलहर हुआ है, उससे काफी व्यापार प्रभावित हुआ है और उसके बाद अब बर्ड फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है।
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