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मौसम में उतार-चढ़ाव
मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से मौसमी बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बिहार के कई इलाकों में वैसी ठंड नहीं पड़ रही है। मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। विभाग का मानना है कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में ठंड ज्यादा होगी। पछुआ हवा के प्रवाह से पिछले दिनों लगातार तापमान गिरने लगा, लेकिन अब बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति बन रही है, जिससे आसमान में बादल हैं और न्यूनतम तापमान बढ़ गया है। राजधानी पटना का तापमान जहां गिरकर 8 डिग्री सेल्सियस के करीब आ गया था। वो अब 13 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बहुत जल्द न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की जाएगी। मानसून के देर से लौटने का असर ठंड वाले मौसम पर पड़ा है, लेकिन ये सुधर जाएगा।
भागलपुर का सबौर सबसे ठंडा
बिहार के अन्य शहरों के न्यूनतम तापमान की बात करें, तो राजधानी पटना का न्यूनतम तापमान लगातार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। मंगलवार को राजधानी पटना का न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। बाकी शहरो में, गया का तापमान 13.00 डिग्री सेल्सियस, भागलपुर में 14.2, पूर्णिया में 13.4, पश्चिमी चंपारण में 14.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मुजफ्फरपुर में 15.1, सुपौल में 14.6, अररिया में 15.2 और भागलपुर के सबौर में 11.00 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। रोहतास में 11.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। उसके अलावा पूर्वी चंपारण में 13.00 और शेखपुरा में 14.7, जमुई में 12.5, सीतामढ़ी में 11.4 और औरंगाबाद में 17.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान की बात करें तो शेखपुरा, औरंगाबाद और नवादा का टेंपरेचर ज्यादा रहा। जिसकी वजह से लोगों ने राहत की सांस ली।
डॉक्टरों ने जारी की चेतावनी
ठंड के बड़ते प्रकोप में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। डॉ. धर्मवीर उपाध्याय ने बताया कि आयुर्वेद कहता है कि ठंड में खान-पान पर कंट्रोल रखना चाहिए और विटामिन सी से भरपूर सामग्री का प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों में सबसे ज्यादा मिलने वाले वाले फलों में सेब, अनार, सिंघाड़ा, चीकू, संतरा, केला, अमरुद इत्यादि हैं। इन फलों को आप अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोशिश करनी चाहिए कि आप ताजे फलों का ही सेवन करें और बाजार से फलों को लाने के बाद उन्हें नमक या सिरका मिले गुनगुने पानी से धोना ना भूलें। फलों को खाने का सबसे अच्छा समय सुबह नाश्ते के बाद और लंच से पहले का माना गया है। उन्होंने इस दौरान बुजुर्गों और बच्चों से सावधान रहने की अपील की।
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