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मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अप्रैल में अचानक तेज गर्मी की वजह से मौसमी कारकों पर खराब असर पड़ा। इसमें सबसे ज्यादा असर राज्य के उत्तरी हिस्से में दिखा। इस बदलाव की वजह से ही लोकल लेवल पर आंधी-पानी के हालात बने। मौसम विज्ञान केंद्र ने इसके लिए दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार से गुजर रही ट्रफ लाइन को भी एक कारण माना है। वहीं अप्रैल में अचानक पड़ी गर्मी की वजह से गेहूं की फसल पर भी असर पड़ा। कई इलाको में उम्मीद से काफी कम पैदावार दर्ज की गई
आने वाले मौसम की भविष्यवाणी
पटना मौसम विज्ञान केंद्र की मौसम वैज्ञानिक कामिनी कुमारी के मुताबिक ‘अभी भी पूरे प्रदेश में पूर्वी और दक्षिण पूर्वी हवा का प्रवाह सतह से 0.9 किमी ऊपर तक बना हुआ है। इसकी वजह से हवा की रफ्तार 8 से 10 किमी प्रति घंटा है। एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में सतह से डेढ़ किमीऊपर तक बना हुआ है। साथ ही साथ एक ट्रफ लाइन उत्तर पश्चिम राजस्थान से मणिपुर तक, दक्षिण यूपी-दक्षिणी बिहार और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल से होकर सतह से 0.9 किमी ऊपर से गुजर रहा है। इन मौसमी कारकों के प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भागों के कुछ स्थानों पर और दक्षिण हिस्से के कुछ भागों में बिजली गरजने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।’
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