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तेज प्रताप की भूमिका पार्टी में क्या होगी? इसके बारे में फिलहाल तो किसी ने कुछ नहीं कहा लेकिन इस बैठक में ये बात पूरी तरीके से साफ हो चुका है कि लालू प्रसाद यादव अपनी राजनीतिक विरासत की हिस्सेदारी अब तेज प्रताप को नहीं देना चाहते हैं। हालंकि लोगों को दिखाने के लिए लालू यादव और तेज प्रताप यादव पटना के मौर्या होटल साथ पहुंचे। तेज प्रताप यादव अपने पिता के आगे पीछे नजर जरूर आए लेकिन जब वे मंच पर बैठे तो उनकी जगह बदल चुकी थी। तब तेज प्रताप आए थेा तो चेहरे पर मुस्कान थी और वो उत्साहित भी नजर आ रहे थे। लेकिन परिवार से भी अलग उन्हें जगह मिली। इतना ही नहीं उन्हें बोलने का भी मौका नहीं दिया गया।
आरजेडी की तरफ से जारी तस्वीरों से ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि तेज प्रताप इस बैठक में बुलाए गए थे या नहीं। हालांकि तीन दिनों पहले की पत्रकारों ने जब ये सवाल पूछा था कि लालू जी आ रहे हैं तो उन्होंने संकोच के साथ ये बात कही थी कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा था कि कार्यकारिणी बैठक है तो सभी नेतागण जाएंगे। अब बैठक में लालू प्रसाद यादव के बाएं हाथ की तरफ मीसा भारती बैठीं नजर आ रही हैं। वहीं दाएं तरफ तेजस्वी यादव नजर आए लेकिन तेज प्रताप अब्दुलबारी सिद्दकी के बगल में थी। वहीं दूसरी ओर मीसा भारती के बगल में शिवानंद तिवारी और अन्य नेता नजर आए। यानी तेज प्रताप की परिवार से भी दूरी नजर आई।
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एक दिन पहले भी सामने आई ऐसी ही तस्वीर
ऐसा नहीं है कि ये पहली बार तेज प्रताप के साथ ऐसा हुआ है। तेज प्रताप के साथ लगातार ऐसी छोटी छोटी चीजें हो रही हैं जिसे लोग भी देख रहे है और जिसे लोग भी देख रहे हैं और मीडिया भी। अगर बात की जाए 9 तारीख की तो राबड़ी आवास पर भी लालू और तेजस्वी यादव एक जैसी कुर्सी पर बैठे नजर आए। वहीं तेज प्रताप जिस कुर्सी पर पिता लालू प्रसाद के साथ बैठे नजर आए वो तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो किसी बाहरी आगंतुक, मिलने वालों या फरयादियों के लिए लगाई गई होगी।
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लालू पहले भी सार्वजनिक तौर पर जता चुके हैं नाराजगी
इससे पहले भी हम देख चुके हैं जब लालू प्रसाद करीब 3 साल बाद पटना आए थे तब भी तेज प्रताप ने लालू को अपने आवास पर बुलाने का प्रयास किया। जब अपने प्रयास में विफल होते नजर आए तो उन्होंने आंदोलन का रास्ता आख्तियार किया। तेज प्रताप पिता लालू को बुलाने के लिए धरने पर बैठे। तब जाकर तेज प्रताप को मनाने लालू तेज प्रताप के आवास पहुंचे लेकिन अपनी गाड़ी से उतरे नहीं। अब इस ये सवाल है कि ये दूरियां क्या कहलाती हैं?
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